पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल के नेताओं पर भ्रष्टाचार को लेकर खतरे बढ़ते जा रहे हैं। पहले पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी हुई, फिर बीरभूम टीएमसी अध्यक्ष अनुब्रत मंडल कथित पशु तस्करी के आरोप में शिकंजे में आए। इससे राज्य में नेताओं के बीच खलबली मची है।
इस बीच कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ईडी को राज्य सरकार के 19 नेताओं की संपत्ति को लेकर दाखिल जनहित याचिका में पक्षकार होने का आदेश दिया। खास बात यह है कि इन 19 नेताओं में सात तो मौजूदा कैबिनेट मंत्री हैं। मंत्रियों और नेताओं में इस बात को लेकर चिंता है कि ईडी के निशाने पर अगला कौन है।
12 अगस्त को मेयर फिरहाद हकीम, अरूप रॉय और ज्योतिप्रिया मलिक ने कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ के सामने एक अर्जी दाखिल कर संपत्ति से जुड़े एक मामले को ईडी से वापस लेने का आग्रह किया था। फिलहाल मामले की सुनवाई 12 सितंबर को होने की संभावना है।
हकीम ने पिछले शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मुझे जांच का कोई डर नहीं है। सभी का सामाजिक सम्मान है। उस सामाजिक सम्मान को खोने से हर कोई डरता है। जेल जाने का डर नहीं है। बंगाल के कई नेता जेल में थे। लेकिन सड़कों और मीडिया के कंगारू कोर्ट पर जिस तरह से यह खेल हो रहा है, उससे सभी को चिंता है।”
सांसद सौमित्र खान के बयान से मचा हड़कंप
सोमवार को बांकुड़ा के बिशुपुर से सांसद सौमित्र खान ने एक बयान देकर कहा कि टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठक की। इस दौरान कुणाल के साथ सत्ता पक्ष के कई लोग बाहर अपने नेताओं के बारे में जानकारी दे रहे थे। हालांकि, घोष ने सौमित्र के आरोपों का खंडन किया।
उधर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘तृणमूल कमजोर हो गई है। कुणाल घोष जब जेल में थे, तब पार्थ चटर्जी ने बहुत सी बातें कहीं। अब पार्थ चटर्जी जेल में हैं तो कुणाल घोष बोल रहे हैं। पार्टी के भीतर लड़ाई है।’
टीएमसी प्रमुख और सीएम ममता बनर्जी ने बेहाला में स्वतंत्रता दिवस के एक कार्यक्रम में कहा: “अगर ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कल मेरे घर आएं तो क्या करें? क्या आप सड़कों पर निकल सकते हैं? क्या आप लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ सकते हैं? मैं अपनी लड़ाई अकेले लड़ूंगी, लेकिन आपको भी लड़ना होगा।”
उनके इस बयान के बाद भाजपा के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने टिप्पणी की: “पहले बनर्जी ने कहा था कि कुणाल चोर है, पार्थ चोर है और मदन चोर है। उन्होंने मुकुल का नाम भी लिया। सभी गिरफ्तार कर लिए गए। अब वह अपना नाम बता रही है। मुझे लगता है कि इस बात की संभावना है कि ईडी उन्हें तलब करे।”