चुनाव आयोग ने देश के 16वें राष्ट्रपति के चुनाव का ऐलान कर दिया है। चुनाव की घोषणा होने के साथ ही विपक्षी दलों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 15 जून को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में विपक्ष के मुख्यमंत्रियों और नेताओं के साथ एक संयुक्त बैठक बुलाई है। इस मुद्दे पर न्यूज़ 24 पर एक टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी प्रवक्ता केके शर्मा ने कहा कि विपक्षी पार्टियां जार में पड़े ‘केकड़ों’ की तरह हैं, एक उपर निकलता है तो दूसरा उसकी टांगें खींच देता है।
केके शर्मा ने कहा, “हमने 2014 के पहले से कई गठबंधन के बनते-बिगड़ते स्वरूप देखे हैं। 2012 में जब कांग्रेस सरकार में थी तो हमने चुनाव के पहले गठबंधन के बारे में चर्चाएं सुनीं।” उन्होंने आगे कहा, “2017-18 के बाद कर्नाटक में बहुत से लोगों ने हाथ मिलाए और बड़ी-बड़ी बातें की थीं। 2017 के बाद कोलकाता में ममता बनर्जी के निवेदन पर तमाम विपक्षी दल इकट्ठा हुए थे। फिर हाथ मिले, दावे किए गए।”
लोकतंत्र में दावा करना अच्छी बात: बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा, “लोकतंत्र में दावा करना अच्छी बात है, अपनी बात कहना और गठबंधन का प्रयास करना भी कहीं से गलत नहीं है। एक सशक्त विपक्ष देश में होना चाहिए और उसके लिए कोई प्रयास कर रहा है तो ये अच्छी बात है।” अपनी बात आगे बढ़ते हुए केके शर्मा ने कहा, “लेकिन टीएमसी का नेता कहता है कि बिना ममता दीदी के कुछ नहीं हो सकता तो वहीं कांग्रेस नेता कहता है बिना कांग्रेस के कुछ नहीं हो सकता। यही तो विषय है, समस्या यहीं तो है।”
BJP का राष्ट्रपति चुनाव जीतना आसान नहीं: वहीं टीएमसी प्रवक्ता रिजु दत्ता ने कहा कि BJP का राष्ट्रपति चुनाव जीतना आसान नहीं होगा, एकजुटता के लिए ही ममता दीदी ने सभी विपक्षी पार्टियों को चिठ्ठी लिखी है। एंकर ने रिजु दत्ता से सवाल किया कि क्या 15 जून को पूरा विपक्ष एकजुट होगा? न्योता तो सबको भेज दिया गया है पर क्या सब स्वीकारेंगे? इसके जवाब में टीएमसी प्रवक्ता ने कहा, “कौन आएगा कौन नहीं आएगा ये तो 15 तारीख को साफ होगा, लेकिन बात ये है कि बीजेपी एक बहुत बड़ी शक्ति है।”
रिजु दत्ता ने आगे कहा, “पिछले 8 सालों में हमने देखा कि कैसे बीजेपी ने देश की अर्थव्यवस्था को बरबाद कर दिया है। बेरोजगारी चरम पर है, सांप्रदायिक तनाव है, कहीं भी शांति नहीं है। उनकी एक प्रवक्ता के बयान से दुनियाभर में विश्वगुरु का सर शर्म से झुक गया है।” उन्होंने आगे कहा, “बीजेपी को 2024 में सत्ता से बेदखल करने के लिए सभी प्रगतिशील विपक्षी दलों को एक होना है यही समय की मांग है।“