योगी सरकार में मंत्री ओपी राजभर को एबीवीपी की तरफ से लीगल नोटिस भेजा गया है। ओपी राजभर पर आरोप है कि उन्होंने एबीवीपी कार्यकर्ताओं के लिए कथित रूप से गुंडा शब्द का इस्तेमाल किया गया था। इस मसले को लेकर एबीवीपी कार्यकर्ता पूरे यूपी में प्रदर्शन कर रहे हैं। अब एबीवीपी ने ओपी राजभर को लीगल नोटिस भेजकर पांच दिन में सार्वजनिक रूप से माफी की मांग की है। एबीवीपी ने राजभर से कहा है कि कि अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी तो उनपर मानहानि का केस किया जाएगा।

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कहां से शुरू हुई तकरार?

दरअसल एक सितंबर को एबीवीपी ने बाराबंकी में श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय के परिसर में विधि पाठ्यक्रम की संबद्धता के कथित अभाव को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था। इस झड़प में कई छात्र घायल हो गए और गड़िया पुलिस चौकी का शीशा टूट गया। एबीवीपी ने एक बयान में श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय पर दो छात्रों को अवैध रूप से निष्कासित करने, मनमाने ढंग से फीस वसूलने और उन पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाने का आरोप लगाया। 

ओपी राजभर पर आरोप है कि उन्होंने मीडिया से बातचीत में श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में एबीवीपी के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं के लिए कथित रूप से गुंडा शब्द का प्रयोग किया। इसी के बाद से एबीवीपी के कार्यकर्ता लगातार ओपी राजभर का विरोध कर रहे हैं। एबीवीपी ने बुधवार को लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में ओपी राजभर के आवास पर प्रदर्शन किया।

ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने एक वीडियो बयान में अपने पिता के घर के बाहर हुए इस प्रदर्शन की निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, वाहनों में तोड़फोड़ की और उनके परिवार को डराने की कोशिश की।

ओपी राजभर के बेटे अरविंद बोले- गुंडा नहीं कहा

ओपी राजभर के बेटे और सुभासपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव अरविंद राजभर ने दावा किया कि उनके पिता ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को गुंडा नहीं कहा। अरविंद राजभर ने कहा, “मंत्री जी के बयान का विश्लेषण किया जाए तो उन्होंने संवैधानिक और लोकतांत्रिक व्यस्था के अंतर्गत प्रदर्शन करने को कहा था। मंत्री जी ने अपने बयान में कहीं भी गुंडे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है। मीडिया ने पंचायत राज मंत्री के बयान को गलत तरीके से पेश किया है। गुंडागर्दी गलत भाषा है, और असंसदीय भी है।”

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