पहली बार जिले में ओमीक्रान के एक मरीज मिलने की पुष्टि की गई है। हालांकि, मरीज बिल्कुल स्वस्थ हो चुका है। उसके संपर्क में आए लोगों के नमूने लेकर विभाग की ओर से जांच में भेजे गए थे। सभी की रिपोर्ट नकारात्मक आई है। सीएमओ डा. सुनील कुमार शर्मा कहना है कि हरियाणा की एक कंपनी में काम करने वाला व्यक्ति नोएडा के सेक्टर-137 की सोसाचटी में रहता है। बुखार आने पर 21 दिसंबर को व्यक्ति ने अपनी कोरोना जांच हरियाणा की एक प्रयोगशाला में कराई थी। जांच के दौरान व्यक्ति संक्रमित निकला। जबकि 28 दिसंबर को उसकी रिपोर्ट नकारात्मक आ गई। नमूने लेकर जिनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया था। उसने कोविडशील्ड की दोनों खुराक ले रखी थी। कोरोना संक्रमित होने पर वह गृह पृथकवास में रहा था। जांच में उनकी पत्नी की रिपोर्ट नकारात्मक आई थी।
नोएडा में कोरोना के 140 मरीज मिले, सक्रिय मामले बढ़कर हुए 597
जिले में चौबीस घंटे में कोरोना के 140 नए मामले मिले हैं। इससे जिले में कोरोना के सक्रिय मामले बढ़कर 597 हो गए हैं। सीएमओ डा. सुनील कुमार शर्मा कहना है कि मंगलवार को कोरोना के 140 नए मामलों की सूचना मिली है। कोरोना के तेजी से बढ़ रही संख्या के चलते विभाग निपटने की तैयारियां कर रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 11स500 लोग विदेश की यात्रा करके लौटे हैं। इनमें से 2800 संवेदनशील देशों के हैं। 800 लोगों के नमूने लेकर जांच को भेजे गए हैं, जिनमें से अब तक 15 संक्रमित मिले हैं। कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही शहर की कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी भी अब आने से डर रहे हैं।
कर्मचारियों को चिंता सता रही है कि कहीं वे भी कोरोना की चपेट में ना आ जाएं। वहीं, उद्यमियों को भी कारोबार में नुकसान की चिंता सता रही है। औद्योगिक महानगर में छोटी-बड़ी मिलाकर करीब 16 हजार से अधिक इकाइयां हैं। जिनमें सात लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। अब कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की चिंता भी बढ़ गई है।
गाजियाबाद में कोरोना के 182 नए संक्रमित
जिले में मंगलवार को कोरोना विषाणु संक्रमण के 182 मामले आने के बाद इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 560 हो गई है। कोरोना के करीब एक हजार से अधिक मामले दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के केवल दो जिले गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में हैं। शासन और प्रशासन की ओर से लगातार सतर्कता के आदेश जारी हो रहे हैं लेकिन हकीकत के धरातल पर कोई गंभीरता नहीं दिख रही है। मुख्य सचिव ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग कर अधिकारियों को सतर्क किया है लेकिन ना तो मास्क को लेकर कोई सख्ती दिख रही है और न ही उचित दूरी के मानक का पालन किया जा रहा है। सरकारी कार्यालयों तक में संक्रमणरोधी रसायन का इस्तेमाल ना के बराबर हो रहा है। मंगलवार को सूचना विभाग के कर्मचारी संक्रमणरोधी रसायन के जुगाड़ के प्रयास में लगे दिखाई दिए। विभागीय स्तर पर संक्रमणरोधी रसायन की कोई व्यवस्था नहीं की गई। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मेरठ मंडल के जिलों में सोमवार तक 1500 से अधिक सक्रिय मामले थे।
तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है ओमीक्रान बहुरूप : कौशांबी स्थित एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के वरिष्ठ स्वांस रोग और क्रिटिकल रोग विशेषज्ञ डा. अर्जुन खन्ना ने कहा कि सोमवार को दिल्ली सरकार ने कोरोना के जो आंकड़े जारी किए हैं, उनमें 80 फीसद से ज्यादा मामले ओमीक्रान के ही हैं। राहत की बात यह है कि अभी तक जो भी मामले आ रहे हैं वह हल्के या मध्यम किस्म के ही हैं। अभी तक बहुत ज्यादा गंभीर बीमार मरीज अस्पतालों में नहीं लाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस बढ़ते हुए संक्रमण को फैलने से रोकना जरूरी है। हालांकि यह कम नुकसान पहुंचा रहा है लेकिन यदि इसी तरह से संख्या बढ़ती रही तो यह एक बम विस्फोट की तरह बढ़ जाएगा और संक्रमित लोगों को संभालना अस्पताल व स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा।