एशवर्या राज

Congress Leader: आप (AAP) मे शामिल होने के बाद वापस कांग्रेस (congress) में लौटे अली मेहदी (Ali Mehdi) ने वीडियो जारी कर माफी मांगी है। उन्होंने इसे अपनी एक बड़ी गलती बताया है। वे शुक्रवार को आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और कुछ घंटों बाद ही कांग्रेस में वापस लौट आए। वापसी पर कई वरिष्ठ नेताओं ने मेहदी का स्वागत किया। वहीं, मुस्तफाबाद (Mustafabad) विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने कहा कि वफादारी साबित करने के लिए माफी काफी नहीं है।

पूर्व कांग्रेस विधायक हसन अहमद के बेटे हैं मेहदी

मेहदी मुस्तफाबाद कांग्रेस पूर्व विधायक हसन अहमद के बेटे हैं। क्षेत्र में अपने पिता के मजबूत प्रभाव के कारण मेहदी की वर्तमान पद तक की राह काफी आसान थी। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (DPCC) के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने उन्हें लेकर कहा कि वे पुराने कांग्रेस परिवार से आते हैं।

मेहदी कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के सक्रिय सदस्य थे। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज में पढ़ते थे। उसी समय एक छात्र नेता के रूप में वे कांग्रेस में शामिल हुए और उन्हें संगठन का महासचिव बनाया गया।

सोशल मीडिया पर मांगी माफी

उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि उन्होंने आप में शामिल होकर गलती की। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस और राहुल गांधी के वफादार कार्यकर्ता हैं। मेहदी ने वीडियो में कहा, “मैंन बड़ी गलती की। मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं। मैं हाथ जोड़कर राहुल गांधी जी से माफी मांगता हूं।”

मेहदी ने साल 2008 में मुस्तफाबाद से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें जीत मिली थी। वह 2015 में कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष बने और 7 साल तक इस पद पर रहे। मेहदी अल कलाम फाउंडेशन नामक एक एनजीओ चलाते हैं। यह फाउंडेशन अल्पसंख्यक विकास, महिला सशक्तिकरण और सांप्रदायिक सद्भाव पर केंद्रित है।

2020 के विधानसभा चुनाव में मेहदी ने मुस्तफाबाद से फिर से चुनाव लड़ा था, लेकिन वे केवल 5,363 वोट ही हासिल कर सके और 2.89 प्रतिशत वोट शेयर के साथ आप और भाजपा दोनों उम्मीदवारों से पिछड़ गए।

बता दें कि पार्टी में लंबे से कांग्रेस का हिस्सा रहे मेहदी एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) के दो पार्षदों के साथ आप में शामिल हो गए थे। उनका इस तरह अचानक पार्टी छोड़कर जाना, कई लोगों के लिए चौंकाने वाला कदम था। मेहदी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने निराशा व्यक्त की थी।