उरी में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर, खासकर उसके सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और देश के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने सोमवार (19 सितंबर) को बैठक की। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित दोभाल, सैन्य प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग, गृह मंत्रालय एवं रक्षा मंत्रालय और अर्द्धसैन्य बलों के शीर्ष अधिकारियों और खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों ने कश्मीर घाटी और नियंत्रण रेखा की हालिया स्थिति पर आयोजित इस बैठक में हालात की जानकारी दी। पर्रिकर और जनरल सुहाग ने उरी के आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में रविवार (18 सितंबर) को कश्मीर का दौरा किया था। इस हमले में 17 जवान शहीद हुए हैं।
सूत्रों ने कहा कि सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले से उपजी नई चुनौतियों से निपटने की संभावित रणनीतियों पर भी बैठक में चर्चा हुई। यह मुख्यालय नियंत्रण रेखा के पास स्थित है। अपनी श्रीनगर यात्रा को स्थगित करने वाले केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने भी इस बैठक में शिरकत की। सूत्रों ने कहा कि गृहमंत्री और शीर्ष अधिकारियों ने देशभर की सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा की। इसमें पश्चिमी सीमा – पंजाब से गुजरात तक – की स्थिति की समीक्षा विशेष तौर पर की गई। इसी बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी के एक दल के उरी का दौरा करने की उम्मीद है। इस दल को आतंकी हमले का शिकार बने स्थान का जायजा लेकर सुराग एवं साक्ष्य जुटाने हैं।
हथियारों से लैस आतंकियों ने रविवार (18 सितंबर) को सेना के उरी स्थित बेस पर हमला किया था। इस हमले में 17 जवान शहीद हो गए। संदेह है कि ये आतंकवादी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे। बीते 25 साल से जम्मू-कश्मीर में चले आ रहे उग्रवाद के दौरान राज्य में सेना पर किया गया यह सबसे घातक हमला है और भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, ‘हम उरी में किए गए इस कायराना आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। मैं देश को यकीन दिलाता हूं कि इस घृणित हमले के पीछे जो लोग भी हैं, उन्हें बक्शा नहीं जाएगा।’ रविवार को दिल्ली में आपात बैठक बुलाने वाले गृहमंत्री ने सीधे पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा था कि वह एक ‘आतंकी देश’ है और उसे अलग-थलग कर दिया जाना चाहिए। वहीं भाजपा नेता राम माधव ने कहा कि रणनीतिक संयम के दिन गए। उन्होंने सुझाव दिया कि इस हमले के बाद की नीति ‘एक दांत के बदले, पूरा जबड़ा’ की होनी चाहिए।