दिल्ली विश्वविद्यालय ने आम आदमी पार्टी के इन आरोपों से इनकार किया कि उसने केन्द्र सरकार के दबाव के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री का प्रमाणन किया है और कहा है उसने कानून के अनुसार कार्रवाई की है। दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार तरुण दास ने कहा – कुछ आप नेता बुधवार (11 मई) को विश्वविद्यालय आए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के मुद्दे पर कुलपति योगेश त्यागी से मुलाकात की थी।

दास ने कहा, वीसी ने उनसे कहा कि युनिवर्सिटी का आरटीआई सेल कानून के अनुरूप कार्रवाई करेगा लेकिन यह कहना गलत होगा कि युनिवर्सिटी किसी राजनीतिक दबाव में काम कर रही है। दिल्ली विश्वविद्यालय की तरफ से यह सफाई आप के शिष्टमंडल के विश्वविद्यालय के दौरे के एक दिन बाद आई है। आप नेता की मांग थी कि उन्हें मोदी की बीए की डिग्री के रेकॉर्ड की जांच करने की इजाजत दी जाए, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।

आप नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि त्यागी ने उनसे यह कहते हुए अपनी हालत समझने के लिए कहा कि उनपर ढेर सारा दबाव है। आम आदमी पार्टी आरोप लगा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी की बीए और एमए की डिग्री फर्जी है और इसमें उनके नाम तथा कुल अंक समेत अनेक गड़बड़ियां हैं। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री पर जारी हमलों के बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने इसी हफ्ते कहा था कि बीए की डिग्री प्रमाणिक है। उन्होंने मोदी की मार्कशीट तथा डिग्री सर्टिफिकेट के बीच कथित गड़बड़ियों को मामूली गलती करार दिया था।

दास ने यह भी कहा था कि युनिवर्सिटी के पास मोदी के स्नातक का सभी संबंधित रेकॉर्ड है। इससे पहले सोमवार (9 मई) को भाजपा ने आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के आरोपों को गलत बताया। उनकी काट के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और वित्तमंत्री अरुण जेटली को सामने पेश कर प्रेस कांफ्रेस कर प्रधानमंत्री के सर्टिफिकेट जारी कर दावा किया कि केजरीवाल का आरोप गलत है।