‘देशभक्ति करना तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह नहीं करना, वंदे मातरम् को धोखा मत देना। भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारे लगाना तो रामलीला मैदान की तरह नहीं लगाना कि उसके बाद देश को ही ताक पर रख दो’। अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी दस्ते के अगुआ मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि इन लोगों ने राजनीतिक आतंकवाद को बढ़ावा दिया। बिट्टा जनसत्ता बारादरी में सवालों के जवाब दे रहे थे। बिट्टा ने कहा कि कुछ साल पहले अण्णा हजारे की अगुआई में तिरंगा झंडा और वंदे मातरम् के साथ भ्रष्टाचार विरोधी लड़ाई शुरू हुई तो हर देशवासी की तरह मैं भी उनके साथ था। लेकिन आज मैं जोर देकर कहता हूं कि देशभक्ति करना तो केजरीवाल की तरह कभी मत करना। देवेंद्रपाल सिंह भुल्लर के मामले को उठाते हुए बिट्टा ने कहा कि आतंकवादी तो आतंकवादी होता है आप उसके समर्थन में कैसे जा सकते हैं या अलगाववादियों के समर्थकों को चुनावी टिकट कैसे दे सकते हैं। पंजाब जीतने के लिए आम आदमी पार्टी ने आतंकवादी और अलगाववादियों का समर्थन किया। केजरीवाल ने रामलीला मैदान में भारत माता के नारे लगाए लेकिन पंजाब जाते ही भारत माता को भूल गए। जब जेनएयू में हर घर में पैदा करेंगे अफजल हजार और भारत तेरे टुकड़ें होंगे हजार जैसे नारे गूंज रहे थे तब केजरीवाल चुप क्यों थे।
कपिल सिब्बल के भुल्लर के वकील बनने और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बयानों का हवाला देते हुए बिट्टा ने कांग्रेस की शहीदों के जख्म पर नमक छिड़कने वाली नीतियों पर हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेसी नेता अंबिका सोनी ने कपिल सिब्बल के भुल्लर का केस लड़ने से लेकर अफजल गुरु तक के मामले में मुझसे चुप रहने के लिए कहा था। बिट्टा ने कहा कि कांग्रेस मुझ जैसे लोगों को तो किनारे लगा देती है लेकिन चिदंबरम के बयान को निजी बता कर उससे पल्ला झाड़ लेती है। आतंकवादियों के तुष्टीकरण करने वाले बयानों पर कांग्रेस पार्टी ने कभी कोई कार्रवाई नहीं की।
बिट्टा ने आरोप लगाया कि जहां तक केजरीवाल साहब की बात है, यह आतंकवादियों, नक्सलियों को समर्थन देने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा, ‘देविंदरपाल भुल्लर जिसने मेरे ऊपर हमला किया, उसके वकील थे कपिल सिब्बल। उसमें दो बरी हो गए, एक को सजा हुई। कांग्रेस के नेताओं से इस बारे में बात की तो किसी ने सहयोग नहीं किया। उल्टा मेरे ऊपर राजनीतिक मार पड़ी। जब दिल्ली में केजरीवाल की सरकार आई तो भुल्लर को दिल्ली से पंजाब की जेल में भेज दिया, फिर उसे अस्पताल भेज दिया गया, जबकि पंजाब सरकार कह चुकी थी कि उसका पंजाब में आना खतरनाक होगा। बाद में उसे पैरोल पर छोड़ दिया गया’। बिट्टा ने कहा, ‘ऐसा इसलिए कि उन्हें पंजाब में सिखों का वोट लेना था। यह कौन-सी देशभक्ति हुई! तिरंगा झंडा लेकर, वंदे मातरम बोल कर इस आदमी ने लोगों को धोखा दिया है’।