राजधानी में डेंगू और चिकनगुनिया के प्रकोप को देखते हुए तीनों नगर निगमों ने स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और उनसे इन बीमारियों से बचाव के लिए निरंतर प्रयासरत रहने की बात कही है। दिल्ली के तीनों नगर निगमों के वरिष्ठ निर्वाचित पदाधिकारियों ने मंगलवार को निगम मुख्यालय में आयोजित संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि निगमों की भूमिका बचाव तक सीमित है। दिल्ली सरकार ने अभी तक स्थिति पर चर्चा करने के लिए निगमों से संपर्क नहीं किया। स्वास्थ्य मंत्री ने भी निगम के अनुरोध पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
प्रेस कांफ्रेंस में दक्षिणी निगम में सदन के नेता सुभाष आर्य, स्थायी समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह मोंटी, उत्तरी निगम के उपमेयर ताराचंद बंसल, स्थायी समिति के अध्यक्ष प्रवेश वाही, सदन के नेता वीपी पांडे और पूर्वी निगम की मेयर सत्या शर्मा व स्थायी समिति के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी मौजूद थे।

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के सदन के नेता सुभाष आर्य ने कहा कि 10 सितंबर तक 15,09,238 घरों में छिड़काव किया गया है और कुल मिलाकर 2,93,36,318 बार मच्छरों के प्रजनन की घरों में जांच की गई, जिसमें 1,21,524 घरों में प्रजनन पाया गया। 95,240 कानूनी नोटिस जारी किए गए और 10,508 मुकदमे शुरू किए गए। कुल मिलाकर 7,500 फील्ड वर्कर और 900 निरीक्षक तैनात किए गए हैं। 15 लाख से अधिक घरों में छिड़काव को देखते हुए यह मानना मुमकिन नहीं है कि दिल्ली में फॉगिंग या दवाओं का छिड़काव नहीं किया गया। ये आंकड़े दिल्ली सरकार के झूठे आरोप का पर्दाफाश करते हैं। आर्य ने कहा कि निगम का काम बचाव का है, लेकिन इसके आगे उपचार की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की बनती है। दक्षिणी निगम में नौ टीफा मशीनों से फॉगिंग की जा रही है जबकि फॉगिंग की साधारण मशीनें 482 हैं। इसके अलावा पीठ पर रखकर छिड़काव करने वाली मशीनों की संख्या 1246, गणेश पंप 394 और चार पावर स्प्रे टैंकर हैं। इतनी मशीनें फॉगिंग और दवा छिड़कने के लिए पर्याप्त हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि दक्षिणी निगम में पिछले साल के 499 मामलों के मुकाबले इस बार डेंगू के 255 मामले सामने आए हैं। निगम ने डेंगू और चिकनगुनिया पर काबू पाने के लिए 12 मोबाइल वैन तैनात की हैं जो सुबह आठ बजे से दो बजे तक काम कर रही थीं, लेकिन अब इन्हें डबल शिफ्ट में चलाने के निर्देश दिए गए हैं। निगम ने डेंगू और चिकनगुनिया की मुफ्त जांच के लिए 33 अस्पतालों और कुछ प्रयोगशालाओं को अधिकार दिए हैं जहां निगम के निर्देशानुसार मुफ्त जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि निगम ने लोगों को जागरूक बनाने के लिए 700 से अधिक रैलियां कीं, आरडब्लूए के साथ कार्यशालाएं आयोजित कीं और स्कूलों में ब्रीडिंग की जांच भी की जा रही है। उन्होंने आम लोगों से गुजारिश की कि वे डीबीसी कर्मचारियों को सहयोग दें और उन्हें घर के भीतर और छतों पर जांच करने दें। आर्य ने कहा कि तीनों नगर निगमों ने अपने स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं, स्थिति नियंत्रण में है और दहशत फैलाने की कोई जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली सरकार स्थिति को गंभीर मानती है तो उसे निगमों के साथ विचार-विमर्श करना चाहिए था, जबकि हमने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री से मिलने का अनुरोध किया था जिसका कोई जवाब नहीं मिला। आर्य ने दिल्ली में चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि इसके 1724 मामलों का पता चला है जिनमें से 1057 की पुष्टि की गई है। स्थायी समिति के अध्यक्ष मोंटी ने कहा कि दिल्ली में बड़ी संख्या में मेट्रो के निर्माण स्थल होने से बड़ी संख्या में मच्छरों का प्रजनन हो रहा है। हमने निगम के स्कूलों में जांच के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कई दल बनाए हैं जो खुद जाकर जांच करवा रहे हैं।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में सदन के नेता वीपी पांडे ने कहा कि अब तक 1.20 करोड़ से ज्यादा बार घरों में मच्छरों के प्रजनन की जांच की गई है। 450 फॉगिंग मशीनों से और छह टीफा मशीनों से छिड़काव किया जा रहा है।

टीफा मशीनों की संख्या अब बढ़ाकर नौ की जा रही है। ज्यादातर मच्छरों का प्रजनन घरों के भीतर हो रहा है इसलिए सभी निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे जांचकर्ताओं को पूरा सहयोग दें। वहीं पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर सत्या शर्मा ने बताया कि पिछली बार अब तक डेंगू के 152 मामलों का पता चला था जबकि इस बार यह संख्या 70 है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वी निगम में लगभग 35 हजार घरों में छिड़काव किया गया है और 15,536 घरों में प्रजनन पाया गया। 16,215 कानूनी नोटिस जारी किए गए जबकि 1436 मुकदमे शुरू किए गए। उन्होंने कहा कि निगम ने जागरूकता बढ़ाने के लिए भी प्रयास तेज कर दिए हैं।