पाकिस्तान से लौट कर सोमवार को भारत आई मूक-बधिर गीता ने मंगलवार की सुबह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की। केजरीवाल ने गीता(23) के साथ लगभग 20 मिनट तक सांकेतिक भाषा के दुभाषिए की मदद से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने भारत में एक नयी जिंदगी शुरू करने जा रही गीता को हरसंभव मदद देने की पेशकश की।

आसमानी नीले-मैजेंटा रंग की सलवार-कमीज पहनकर आई गीता ने अपना सिर दुपट्टे से ढका हुआ था। केजरीवाल से मिलने के लिए वह पाकिस्तान के ईधी फाउंडेशन के पांच सदस्यों के साथ आई थी। इसी संस्था ने पाकिस्तान में गीता का ख्याल रखा था। लगभग 15 साल पहले भूलवश सीमा पार स्थित पड़ोसी देश में पहुंची गीता सोमवार को जब भारत लौटकर आई तो उसका बेहद भावनात्मक स्वागत किया गया। कराची से दिल्ली पहुंची गीता को लेने के लिए विदेश मंत्रालय और पाकिस्तान उच्च आयोग के वरिष्ठ अधिकारी गए थे। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मुलाकात की।

हालांकि गीता ने शुरुआत में जिस परिवार को तस्वीरों के जरिए पहचाना था, वह मिलने के बाद उन्हें पहचान नहीं पाई। स्वराज ने कहा कि जब तक उसका ‘असली परिवार’ नहीं मिल जाता, तब तक वह इंदौर में रहेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘घर वापसी पर तुम्हारा स्वागत है गीता। तुम्हें वापस पाकर बहुत अच्छा लग रहा है। पूरा भारत तुम्हारा ख्याल रखेगा।’ उन्होंने आश्वासन दिया कि उसके परिवार का पता लगाने के लिए हर प्रयास किया जाएगा। आज से लगभग 15 साल पहले जब गीता पाकिस्तान रेंजर्स को लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेली बैठी मिली थी, तब वह कथित तौर पर महज सात से आठ साल की थी।

उसे ईधी फाउंडेशन की बिलकिस ईधी ने गोद ले लिया था। उनके साथ गीता कराची में रहती थी। बिलकिस और उनके पोता-पोती साद और सबा ईधी भी गीता के साथ भारत आए हैं। गीता की कहानी दरअसल सलमान खान की फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ के प्रदर्शन पर सामने आई। इस फिल्म में नायक भारत यात्रा के दौरान अपनी पाकिस्तानी मां से बिछड़ी बच्ची को उसके परिवार से वापस मिलवाने के लिए पाकिस्तान लेकर जाता है।

गीता इंदौर के लिए रवाना : गीता मंगलवार को ही इंदौर रवाना हो गई जहां वह मूक बधिरों के लिए एक संस्थान में तब तक रहेगी जब तक सरकार उसके परिवार को खोज नहीं लेती। हवाई अड्डे पर गीता को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने विदा किया। गहलोत के साथ इंदौर के उक्त संस्थान के अधिकारी भी थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘गीता इंदौर चली गई है।’ गीता उस परिवार के सदस्यों को नहीं पहचान पाई, जिन्हें उसने शुरू में तस्वीरों से पहचाना था।

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