आज से शुरू हो रहे दिल्ली विधानसभा के सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है। एक ओर जहां सत्तारूढ़ पार्टी सीलिंग के मुद्दे पर नगर निगमों को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी में है, वहीं विपक्ष कुल 20 मुद्दों पर सरकार को घेरने जा रहा है। विपक्ष की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस दिया गया है कि सत्र में सीवर, जलापूर्ति और प्रदूषण पर एक पूरा दिन चर्चा के लिए रखा जाए। उधर, आप के बागी विधायक व पूर्व मंत्री कपिल मिश्र ने सुशील गुप्ता को राज्यसभा भेजे जाने पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को इस बाबत पत्र भी लिखा है।  छठवीं विधानसभा के छठे सत्र के लितीय भाग की बैठक सोमवार दोपहर दो बजे से शुरू हो रही है, लेकिन रविवार शाम तक विधायकों को कार्यसूची नहीं बांटी गई। हालांकि पक्ष-विपक्ष और बागी विधायक सभी अपने एजंडों के साथ तैयार हैं। आप के प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘सत्र में सीलिंग पर चर्चा की संभावना है। यह बहुत बड़ा मामला है। जिनकी सीलिंग हो रही है उनका पूरा परिवार बर्बाद हो रहा है। निगम का मुद्दा है, लेकिन वहां नहीं उठ रहा, हम इसे विधानसभा में रखेंगे’।

वहीं विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि भाजपा सीलिंग के मुद्दे पर सरकार की पोल खोलेगी। उन्होंने कहा कि तीनों निगम प्रभावित व्यावसायियों को सीलिंग से बचाने के लिए वैधानिक मार्ग निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली सरकार जबरदस्ती विधानसभा सत्र में इस पर व्यापक चर्चा करवाने जा रही है, ताकि दिल्लीवासियों का ध्यान सीवर, जलापूर्ति व प्रदूषण जैसे गंभीर विषयों से हटाया जा सके। नेता विपक्ष ने कहा कि सदन का समय उन विषयों पर व्यर्थ न किया जाए, जो सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस तरह की ध्यान बंटाने वाली चालों को हरगिज कामयाब नहीं होने देगा।

विपक्ष कुल 20 मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है जिसमें 351 सड़कों को सरकार द्वारा अधिसूचित नहीं किए जाने का मुद्दा भी है। इसके अलावा बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी, बिजली के बिलों में पेंशन सेस लगाने, प्रदूषण, सामाजिक पेंशन में रुकावट, मेट्रो के तीसरे चरण में देरी और चौथे चरण की स्वीकृति नहीं मिलने, दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों के फंड नहीं देने सहित अन्य मुद्दे सत्र के दौरान भाजपा-अकाली दल विधायकों की ओर से उठाए जाएंगे। वहीं बागी विधायक और पूर्व मंत्री कपिल मिश्र भी सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को पत्र लिखकर मांग की है कि राज्यसभा में भेजे गए सुशील गुप्ता पर सदन में विशेष चर्चा हो। उन्होंने कटाक्ष करते हुए पत्र में लिखा है कि जनता को सुशील गुप्ता की ‘महत्ता’ बतानी जरूरी है।