Coronavirus in India: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई निजी स्कूलों ने राज्य सरकार के निर्देशों का हवाला देते हुए माता-पिता से पूछा कि क्या उनके बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘दीया जलाओ’ अभियान में भाग लिया है। दरअसल पीएम मोदी की अपील के बाद शिक्षा सचिव अमित खरे ने सभी स्वायत्त संस्थानों को लिखा था, ‘जैसा कि 3 अप्रैल, 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया। छात्र प्रकाश की शक्ति का एहसास कराने और उस उद्देश्य के लिए 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए अपने मोबाइल की टॉर्च या दिया जला सकते हैं। हालांकि, किसी को भी सड़कों, या कॉलोनियों. या कहीं भी अपने घरों के बाहर इकट्ठा नहीं होना चाहिए।’ सीबीएसई ने इसके बाद खरे के पत्र को अपने सभी संबद्ध स्कूलों को भेज दिया। मामले में मंत्रालय के अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि पत्र सिर्फ सलाह के लिए था और इसमें भागीदारी अनिवार्य नहीं है।

मगर इसके बावजूद स्कूलों ने दीया जलाने से जुड़ी जानकारी मांगी। इनमें सरदार पटेल विद्यालय, मदर इंटरनेशनल स्कूल और रोहिणी स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों ने अभिभावकों से एक फॉर्म भरने के लिए कहा, जिसमें पूछा गया कि क्या उन्होंने अपने स्मार्टफोन पर ‘आरोग्य सेतु’ एप्लीकेशन डाउनलोड किया है और अगर उनके बच्चों ने 9 मार्च को रात 9 बजे मोमबत्ती या दीया जलाया।

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इंडियन एक्सप्रेस को ऐसे कई फॉर्म मिले हैं जिन्हें स्कूलों द्वारा भेजा गया। मामले में स्कूलों के प्रिंसिपलों ने कॉल और संदेशों का कोई जवाब नहीं दिया है। मामले में एक प्रमुख दक्षिण दिल्ली स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि उन्हें स्कूल प्राचार्यों और उनके प्रशासनिक क्लस्टर के व्हाट्सएप ग्रुप पर शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से जानकारी एकत्र करने के निर्देश प्राप्त हुए थे। हालांकि उन्होंने कहा कि ये निर्देश केवल यह पता लगाने के लिए थे कि कितने माता-पिता ने आरोग्य ऐप डाउनलोड किया था।

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उन्होंने आगे कहा, ‘निदेशालय ने हमें सोमवार की सुबह तक ऐप डाउनलोड करने के बारे में प्रतिक्रिया देने के लिए कहा है, साथ ही हमने ऐप पर जानकारी का प्रसार कैसे किया। ये MHRD के निर्देश हैं। हमने माता-पिता के लिए कोई फॉर्म नहीं भेजा है, लेकिन माता-पिता शिक्षक संघ के प्रभारी से एक अनुमान लगाने को कहा है।

इसी बीच रविवार को रविवार शाम MHRD मंत्रालय ने मामले में सफाई देते हुए ट्वीट किया ‘एमएचआरडी ने छात्रों और उनके परिवारों से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विकसित आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने की अपील की है। मगर गतिविधियों की निगरानी के लिए कोई आदेश नहीं दिया।’