दिल्ली विधानसभा ने मंगलवार को प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से नोटबंदी खारिज करने की अपील की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आदित्य बिड़ला समूह और सहारा समूह से करोड़ों की घूस लेने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में पेश प्रस्ताव में राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वह सुप्रीम कोर्ट को एसआइटी गठन कर जांच के लिए निवेदन करें। सदन के सदस्यों की नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी के बीच मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से पूछा कि अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का अनुसरण करते हुए क्या वे पद से इस्तीफा देंगे। केजरीवाल के प्रधानमंत्री को नाम से संबोधित किए जाने के विरोध में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के बार-बार आपत्ति जताते हुए सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने पर विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें मार्शल से सदन से बाहर करवा दिया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधानसभा के मुख्य द्वार के पास सदन शुरू होने के समय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया।
दिल्ली विधानसभा का एक दिन का आपात सत्र बैंकों के सामने कतार में खड़े कथिततौर पर मरे 25 लोगों की मौत पर श्रद्धांजलि के साथ शुरू हुआ। सत्र में नोटबंदी के मुद्दे पर प्रस्ताव रखते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि देश और दिल्ली के अंदर इमरजंसी के हालात पैदा हो गए हैं, इसलिए सत्र बुलाया गया है। कुछ संशोधनों के बाद विधानसभा में पारित प्रस्ताव में राष्ट्रपति से नोटबंदी के फैसले को वापस लेने के संबंध में दखल की अपील गई। यह भी आग्रह किया गया कि वह सुप्रीम कोर्ट को एसआइटी गठन करने का निर्देश दें जो मोदी पर करोड़ों की कथित घूसखोरी की जांच करे।
केजरीवाल ने सदन में सबूत पेश करते हुए कहा कि 15 अक्तूबर, 2013 को आयकर विभाग ने बिड़ला समूह पर छापेमारी की। इससे संबंधित रिपोर्ट से यह उजागर होता है कि आदित्य बिड़ला समूह के कार्यकारी अध्यक्ष शुभेंदु ने तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री को 25 करोड़ की घूस दी। उन्होंने कहा कि आदित्य बिड़ला समूह के लैपटॉप से जाहिर लेन-देन में लिखा है- ‘गुजरात सीएम 25 करोड़, 12 करोड़ हो गया, शेष?’ एक और सबूत पेश करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि 22 नवंबर, 2014 को सहारा समूह पर आयकर विभाग को छापेमारी में जो कागज मिले, उसमें नरेंद्र मोदी का नाम है। इन कागजों में कहा गया है- कई मुख्यमंत्रियों के बीच 400-500 करोड़ रुपए बांटे गए। उनमें नरेंद्र मोदी का भी नाम है।
केजरीवाल ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी प्रधानमंत्री का कालेधन के खातों के अंदर नाम आया है। उन्होंने पूछा कि इसकी जांच कौन करेगा? केजरीवाल ने लालकृष्ण आडवाणी का उदाहरण देते हुए पूछा कि अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता का क्या नरेंद्र मोदी अनुसरण करेंगे जिन्होंने हवाला में नाम आने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री ने जिस तरह से नोटबंदी का एलान किया, मैं उसकी निंदा करता हूं। अगर वह योजना को वापस लेकर फिर तैयारी के साथ आते हैं तो हमारा साथ है।
सदन में मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार प्रधानमंत्री का नाम लेने पर विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने विरोध जताया और विधानसभा अध्यक्ष से दखल की मांग की। गुप्ता ने सदन के अध्यक्ष से कहा कि रूल बुक का अनुपालन नहीं हो रहा है। आप इन्हें नहीं कह सकते कि पीएम का नाम न लें। गुप्ता के शांत न होने पर अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने मार्शल बुलवाकर उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया। इसी विषय पर विजेंद्र गुप्ता ने पहले भी विरोध जताया था जिसके बाद सदन में मोदी के खिलाफ नारेबाजी की गई और कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश में अफरा-तफरी का माहौल है।
उन्होंने कहा- एक लाख 14 हजार करोड़ माफ कर दिया है अमीरों का और गरीबों को ढाई लाख के लिए डरा रहे हैं। विजय माल्या को 8000 करोड़ लेकर भगा दिया और ढाई लाख जमा करने वालों को धमका रहे हैं। जनार्दन रेड्डी की बेटी की 16 नवंबर को शादी है और रिपोर्टों के मुताबिक शादी में 500 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी है। उनके पास 2000 के नोट कहां से पहुंच गए। उनके घर छापा क्यों नहीं पड़ रहा, जबकि दिल्ली के बाजारों में व्यापारियों के यहां छापे पड़ रहे हैं। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा 25 लोगों की कतारों में मौत की बात उठाने और मौन रखने के प्रस्ताव पर विजेंद्र गुप्ता ने इसे झूठ करार देते हुए सबूत मांगे। भाजपा नेता जगदीश मुखी ने सत्तापक्ष से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री ईमानदार हैं, उनके फैसले का समर्थन करें।
नोटबंदी पर दिल्ली विधानसभा में हंगामा, केजरीवाल का आरोप- पीएम माेदी ने आदित्य बिरला ग्रुप से ली 25 करोड़ की घूस