स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के दौरान राष्ट्रपति भवन में हर साल एट होम कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम के दौरान देश के गणमान्य नेता, डिप्लोमैट्स और वरिष्ठ नौकरशाह और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी शिरकत करते हैं और एक चाय पार्टी का आयोजन किया जाता है। लेकिन आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस बार एट होम कार्यक्रम को लेकर सवाल उठाए हैं। दरअसल आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने राष्ट्रपति भवन से सवाल करते हुए ट्वीट किया कि श्रीमान राष्ट्रपति भवन, यह पुरानी परंपरा रही है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले एट होम कार्यक्रम में दिल्ली के विधायकों को भी आमंत्रित किया जाता रहा है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी हमें आमंत्रित किया करते थे, लेकिन आपने दिल्ली के विधायकों को आमंत्रित करना बंद कर दिया है। इसका कोई कारण श्रीमान?
अपने इस ट्वीट के साथ ही आप विधायक ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ वाली एक तस्वीर और खबर का लिंक भी साझा किया। दरअसल ट्वीट के साथ साझा की गई खबर साल 2015 के एट होम कार्यक्रम से संबंधित थी, जिसमें अरविंद केजरीवाल अपनी प्लेट में एक पेस्ट्री लिए दिखाई दे रहे हैं, जिस पर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केजरीवाल से मजाक में कहा था कि थोड़ा और लेने में कोई परेशानी नहीं है। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने बड़ी ही विनम्रता से राष्ट्रपति को इंकार कर दिया था।
.@rashtrapatibhvn sir,
It was a long tradition to invite Delhi MLAs to At-Home function at Rashtrapati Bhawan on Independence Day & Republic Day.@CitiznMukherjee used to invite us but u have stopped inviting Delhi MLAs.
Any reasons sir ?https://t.co/LPyjiCws3j
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) August 14, 2018
गौरतलब है कि हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। इस इफ्तार पार्टी के बहाने राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश की थी और विपक्ष के अधिकतर बड़े नेताओं को अपनी इस पार्टी में आमंत्रित किया था। गौर करने वाली बात है कि राहुल गांधी ने भी इस पार्टी में आम आदमी पार्टी के नेताओं को आमंत्रित नहीं किया था। हालांकि उस वक्त तो आम आदमी पार्टी की तरफ से इस बारे में कोई खास बयान नहीं आया था। लेकिन हाल ही में हुए राज्यसभा उप-सभापति के चुनाव में आप ने कांग्रेस को झटका देते हुए कांग्रेस के उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया।