संसद के कामकाज में इन दिनों चल रहे व्यवधान पर दुख प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि लोकतंत्र किसी की मर्जी और पसंद के अनुसार काम नहीं कर सकता। कांग्रेस का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को केवल चुनाव और सरकारों तक सीमित नहीं किया जा सकता। लोकतंत्र के समक्ष दो बड़े खतरे- एक मनतंत्र और दूसरा धनतंत्र है।

मोदी ने एक हिंदी समाचारपत्र के कार्यक्रम में कहा कि गरीबों को उनके अधिकार नहीं मिल पा रहे हैं क्योंकि संसद में उनको लाभ पहुंचाने वाले कई विधयेक व्यवधान के कारण अटके हैं। केवल जीएसटी विधेयक ही नहीं, बल्कि गरीबोन्मुखी कई कदम संसद में रुके हुए हैं। आपने देखा होगा, इन दिनों यह व्यवधान काफी देखा जा रहा है। मेरी मर्जी। मेरे मन में जो आएगा, वह मैं करूंगा। क्या कोई देश इस तरह से चलेगा? लोकतंत्र ऐसे काम नहीं करता। यह मनतंत्र से नहीं चलता। देश इस आधार पर काम नहीं करता है। आप जो सोचें, लेकिन व्यवस्था ऐसे नहीं चलती है।

उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि संसद में कामकाज नहीं हो पाने के कारण गरीबों को उनके अधिकार नहीं मिल पा रहे हैं। संसद में कामकाज नहीं होने के कारण एक विशिष्ट कानून रुका हुआ है जो गरीबों को नौकरी में बोनस को 3,500 से बढ़ाकर 7,000 रुपए करने वाला है। इसमें बोनस देने के लिए वेतन की सीमा को वर्तमान 7,000 से बढ़ाकर 21,000 करने की बात कही गई है। क्या यह गरीबों के सीधे काम से जुड़ा नहीं है?

मोदी ने कहा कि सरकार आग्रह कर रही है कि संसद में कामकाज होने दिया जाना चाहिए। चर्चा और संवाद के लिए संसद से बड़ा कोई और मंच नहीं हो सकता है। लेकिन अगर हम इस संस्था को नकार देंगे तब लोकतंत्र पर सवालिया निशान खड़ा हो जाएगा। लोकतंत्र और भारत के विकास की यात्रा में जन-भागीदारी की पुरजोर वकालत करते हुए मोदी ने कहा कि इसके लिए पहली शर्त लोगों और उनकी ताकत में विश्वास करना है।

लोकतंत्र को धनबल के प्रभाव से सुरक्षा प्रदान करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र के समक्ष दो चुनौतियां हैं और यह ‘मनतंत्र’ और ‘धनतंत्र’ है। प्रधानमंत्री ने मिशन के रूप में पत्रकारिता और चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि केवल निजी और सार्वजनिक क्षेत्र तक सीमित करना हमारी विकास की सीमाओं को बांधने का काम करेगा और पर्सनल सेक्टर पर ध्यान देने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में छोटे व्यवसायियों के लिए मुद्रा योजना का जिक्र किया। छोटे-छोटे काम करने वाले लोगों को इससे काफी फायदा होगा, इससे अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग और मध्यम वर्ग को लाभ होगा।