अजान और आरती से जुड़े लाउडस्पीकर विवाद के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा है कि मुस्लिमों को यह समझ लेना चाहिए कि धर्म कानून से बड़ा नहीं है।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “हम महाराष्ट्र में दंगा-फसाद नहीं चाहते हैं। पूजा-पाठ से किसी को आपत्ति नहीं है। पर अगर (मुसलमान) इसे लाउडस्पीकर पर करते हैं, तब हम भी लाउडस्पीकर्स का इस्तेमाल करेंगे। मुस्लिमों को यह समझना चाहिए कि धर्म कानून से बड़ा नहीं है। तीन मई, 2022 के बाद मैं देखूंगा कि मुझे क्या करना है।”

बकौल राज ठाकरे, “मुझे लगता है कि इस तरह की चीजों को उन्हीं के अंदाज में जवाब दिया जाना चाहिए। अन्यथा इन लोगों को समझ में नहीं आएगा…।” समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ठाकरे पांच जून को यूपी के अयोध्या का दौरा करेंगे। वह औरंगाबाद में एक मई को अपनी अगली जन सभा करेंगे।

मनसे प्रमुख ने इससे पहले शनिवार को हनुमान जयंती पर सफेद-कुर्ता पायजामा पहने और भगवा शॉल डाले राज ठाकरे ने पुणे के सबसे पुराने माने जाने वाले खाल्कर आली हनुमान मंदिर में भगवान हनुमान की आरती की।

दरअसल, इस महीने की शुरुआत में अपनी दो रैलियों में मनसे प्रमुख ने चेतावनी दी थी कि अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाया गया तो इन धार्मिक स्थलों के सामने जोर-जोर से हनुमान चालीसा का पाठ होगा। राज ठाकरे ने राज्य सरकार को तीन मई से पहले उनकी मांग पर कार्रवाई करने का ‘अल्टीमेटम’ भी दिया है।

राउत ने बता दिया ”नया हिंदू ओवैसी’: मस्जिदों में लाउडस्पीकर के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने वाले राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को मनसे के मुखिया को ‘‘नया हिंदू ओवैसी’’ और उनकी पार्टी को ‘‘नई हिंदुत्व एआईएमआईएम’’ बताया।

मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने और हनुमान चालीसा का पाठ करने की मांगों के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथ होने का आरोप लगाते हुए राउत ने दावा किया कि खुफिया जानकारी से पता चला है कि महाराष्ट्र में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की साजिश चल रही है और महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को बर्खास्त करने के लिए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की जाने वाली है।