मध्य प्रदेश में इन दिनों स्थानीय निकाय का चुनाव चल रहा है। इन चुनावों में खुलेआम धांधली और अनियमितता को लेकर विपक्ष लगातार आवाज उठा रहा है, लेकिन अब राज्य में सत्ताधारी भाजपा के एक विधायक ने भी सरकारी मशीनरी के एक दल विशेष को वोट दिलाने में लगे रहने पर चिंता जताई है। इसको लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है और कहा, “चलो भाजपा में कोई तो है जिसने सच बोलने का साहस किया।”
भाजपा के मैहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक नारायण त्रिपाठी ने मीडिया से कहा, “वह जब स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान क्षेत्र में दौरा कर रहे थे, तब उनको ऐसा महसूस हुआ कि निर्वाचन की प्रक्रिया पूरा कराने वाला कोई है ही नहीं। जो भी अधिकारी हैं, जो भी कर्मचारी हैं, पटवारी से लेकर उच्च स्तर तक एक दल विशेष का प्रचार-प्रसार करते देखे गए हैं।”
उन्होंने कहा, “यहां सक्षम अधिकारी खुले आम भाजपा को वोट दिलाते देखे गए हैं। मैं भाजपा का विरोध नहीं कर रहा हूं। मैं भाजपा का एमएलए हूं। पर यदि इस तरह की घटना होती है तो मुझे तकलीफ होती है। तो यहां जो मैं देख रहा हूं, उसको बंद होना चाहिए। यह गलत है…।”
उनका यह बयान जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी उस पर कमेंट किया। उन्होंने ट्वीट करके कहा-“चलो भाजपा में कोई तो है जिसने सच बोलने का साहस किया। बधाई व धन्यवाद नारायण त्रिपाठी जी आपने हज़ारों चुनाव में लड़ने वालों की पीड़ा उजागर की है। खुले आम पीठासीन अधिकारियों ने लोकतंत्र का गला घोंटा है।”
इससे पहले एक और वीडियो वायरल हुआ, जिसमें चुनाव हारने के बाद उम्मीदवार अपने पैसे वापस मांगते हुए नजर आ रहा है। यह मामला मध्य प्रदेश के नीमच जिले की मनासा जनपद में आने वाली ग्राम पंचायत देवरान का है। इस उम्मीदवार ने पहले तो चुनाव संहिता को ताक पर रखकर वोट के लिए लोगों को पैसे बांटे और जब हार गया तो, पैसे वापस लेने के लिए लोगों के घर पहुंच गया।
बताया जा रहा है कि सरपंच पद के प्रत्याशी राजू दायमा ने चश्मा चिन्ह पर चुनाव लड़ा था। उस पर आरोप लगाया जा रहा है कि उसने पैसे बांटकर वोटरों को वोट के लिए प्रलोभन दिया। इसके बाद जब रिजल्ट आया और दूसरा प्रत्याशी चुनाव जीत गया तो राजू और उसके समर्थक वोटरों को धमका रहे हैं और पैसे वापस मांग रहे हैं। बताया जा रहा है कि अभी तक 4 लाख रुपए वापस ले लिए गए हैं।