पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने मंगलवार को अपने सुरक्षार्किमयों पर नाना मुफ्ती मोहम्मद सईद की चौथी बरसी पर उनकी कब्र पर जाने से रोकने के लिए धक्कामुक्की करने का आरोप लगाया और कहा कि वह अपना सुरक्षा घेरा हटाने की मांग करेंगी। इल्तिजा ने कहा कि उनके घर पर तैनात सुरक्षार्किमयों ने उन्हें उस समय वहां से निकलने से रोका जब वह अनंतनाग जिले के बिजबेहरा में अपने नाना की कब्र पर जाना चाहती थीं।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मुझे न केवल रोका गया बल्कि उन सुरक्षार्किमयों ने मेरे साथ धक्का-मुक्की भी की जिनसे मेरी सुरक्षा की अपेक्षा है। मेरी बांहों और पैर में चोटें आई हैं।’’ इल्तिजा ने कहा कि वह विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) के निदेशक को पत्र लिखकर अपना सुरक्षा घेरा वापस लेने की मांग करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कुछ दिन में सुरक्षा वापस नहीं ली जाती तो मैं इसके लिए अदालत में जाऊंगी।’’ उन्होंने कहा कि कितनी हास्यास्पद बात है कि केंद्र सरकार कश्मीर में स्थिति सामान्य होने के दावे कर रही है लेकिन वह अपने नाना, देश के पूर्व गृह मंत्री की कब्र पर नहीं जा सकतीं।
पीडीपी ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की कब्र पर फातिहा पढ़ने की इजाजत मांगी थी जो नहीं दी गयी। जब इल्तिजा से पूछा गया कि क्या परिवार के किसी अन्य सदस्य को सईद की कब्र पर जाने की इजाजत दी गयी तो उन्होंने कहा नहीं पता। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे और मेरे मामा तसद्दुक मुफ्ती को जाने की इजाजत नहीं दी गयी।’’ सईद का 7 जनवरी 2016 को दिल्ली में एम्स में निधन हो गया था।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की पुत्री इल्तिजा मुफ्ती ने शुक्रवार को प्रशासन को एक पत्र लिखकर सात जनवरी को अपने नाना और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की कब्र पर जाने की अनुमति मांगी थी। मुफ्ती मोहम्मद सईद की सात जनवरी को चौथी पुण्यतिथि है। इल्तिजा को विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) की सुरक्षा प्राप्त है और उन्होंने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) मुनीर खान को पत्र लिखकर सईद की कब्र पर जाने की अनुमति मांगी है। सईद का संक्षिप्त बीमारी के बाद सात जनवरी 2016 को दिल्ली के एम्स में मृत्यु हो गई थी।
इल्तिजा ने अपने पत्र में कहा था कि वह अपने परिवार के साथ दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के दारा शीकू में अपने नाना की कब्र पर जाना चाहते हैं। सईद दो बार जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे थे। उन्होंने कहा था, ‘‘ नागरिक प्रशासन और पुलिस ने बार-बार कहा है कि कश्मीर में स्थिति सामान्य है। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि हमें उनकी कब्र पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने से क्यों मना किया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर प्रशासन या पुलिस द्वारा हमें शोक जताने और मुफ्ती साब को उनकी चौथी पुण्यतिथि पर याद करने के अधिकार से वंचित किया जाता है तो यह शर्मनाक बात होगी।’’ उन्होंने गुरुवार की घटना का भी जिक्र किया, जब उन्होंने सईद की कब्र तक जाने का प्रयास किया था। लेकिन उन्हें हिरासत में लिया गया था क्योंकि उन्होंने अनंतनाग जिले का दौरा करने की अनुमति नहीं मांगी थी।