शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार (18 नवंबर, 2018) को राम मंदिर मुद्दे पर पार्टी की मांग तेज करते हुए कहा कि साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर का निर्माण शुरू हो। उन्होंने राम मंदिर मुद्दे पर नया नारा भी दिया है। ठाकरे ने कहा, ‘हर हिंदू की यही पुकार, पहले मंदिर फिर सरकार।’ यहां 24 और 25 अक्टूबर को अयोध्या यात्रा की तैयारियों के लिए आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं संग पहुंचे शिवसेना चीफ ने यह बात कही है। केंद्र और राज्य सरकार में भाजपा की सहयोगी शिवसेना अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर लगातार मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर दवाब बना रही है। पिछले महीने पार्टी के दशहरा कार्यक्रम के बाद से ठाकरे ने केंद्र पर खासा दवाब बनाया है। बता दें कि शिवसेना सहयोगी भाजपा पर अक्सर ताना मारती रही है कि भगवा पार्टी सत्ता में आने के बाद से पिछले चार सालों में राम मंदिर का निर्माण कराने में नाकाम साबित हुई है। इसके अलावा ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वो पूरे राज्य और देश में कहीं भी हो 24 नवंबर को ‘महा आरती’ करें। शिवसेना चीफ खुद 24 नवंबर को अयोध्या में ‘सरयू पूजा’ करेंगे।
गौरतलब है कि पूर्व में ठाकरे ने कहा था कि आरएसएस को लगता है कि अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के लिए किसी आंदोलन की जरूरत है तो उसे नरेंद्र मोदी सरकार गिरा देना चाहिए। दरअसल शिवसेना चीफ ने यह प्रतिक्रिया उस वक्त दी जब संघ ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो इसके लिए वह इस मुद्दे पर कोई आंदोलन छेड़ने में नहीं हिचकिचाएगा। इस मामले में ठाकरे ने मीडिया से कहा कि मोदी सरकार ने आरएसएस के समूचे एजेंडे को नजरअंदाज किया है। शिवसेना के प्रमुख ने कहा, ‘मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद राम मंदिर का मुद्दा दरकिनार कर दिया गया। जब शिवसेना ने मुद्दा उठाया और मंदिर निर्माण पर जोर देने का फैसला किया तो आरएसएस अब इस मांग पर जोर देने के लिए आंदोलन की जरूरत महसूस कर रहा है।’
ठाकरे ने कहा, ‘एक मजबूत सरकार होने के बावजूद अगर आप (आरएसएस) किसी आंदोलन की जरूरत महसूस करते हैं तो इस सरकार को गिरा क्यों नहीं देते।’ इससे पहले आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन पर संघ महासचिव भैयाजी जोशी ने कहा ‘अगर जरूरत पड़ी तो राम मंदिर के लिए आंदोलन छेड़ने से नहीं हिचकिचाएंगे’ लेकिन इस मामले में ‘रोक लगी है’ क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में है।
इसपर शिवसेना प्रमुख ने कहा कि आरएसएस के कठिन-कठोर काम के चलते भाजपा केन्द्र में सत्ता में आई, लेकिन उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान का अनुच्छेद 370 निरस्त करने और समान नागरिक संहिता लागू करने समेत संघ के समूचे एजेंडा को अब ताक पर रख दिया गया है। ठाकरे ने दावा किया, ‘जब मैंने राम मंदिर का मुद्दा उठाया और 25 नवंबर अयोध्या जाने की घोषणा की तो दूसरे लोगों ने भी मुद्दे पर चर्चा करना शुरू कर दिया।’ (एजेंसी इनपुट सहित)