हास्य कलाकार और प्रस्तोता कपिल शर्मा घूसखोरी का ट्वीट पैंतरा उनके गले की फांस बनता जा रहा है। एक शिकायत के बाद अब वन विभाग इस मामले की जांच करेगा कि क्या उन्होंने अपना फ्लैट बनाने के लिए दुर्लभ मैंग्रोव को नुकसान पहुंचाया। आसपास के निवासियों की पहले से ही यह शिकायत रही है कि कपिल के अलावा आसपास के कई अन्य लोगों ने सदाबहार मैंग्रोव को नष्ट किया जो पर्यावरणीय जुर्म माना जाता है। कपिल पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का आरोप साबित हुआ तो उन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
बहरहाल मुंबई के उपनगरीय गोरेगांव स्थित अपने फ्लैट में कथित अवैध निर्माण के संबंध में कपिल शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ वन विभाग इस हास्य कलाकार के वर्सोवा स्थित दफ्तर के आसपास के क्षेत्र में फ्लैट मालिकों और इसके निर्माणकर्ताओं द्वारा किए गए उल्लंघनों की जांच को लेकर हरकत में आ गया है। वन अधिकारियों ने सोमवार को शर्मा के कार्यालय का दौरा किया और इसके परिसरों व आसपास के इलाकों का सर्वेक्षण किया। सहायक वन संरक्षक मकरंद घोडके ने बताया कि मुख्य वन संरक्षक से निर्देश मिलने के बाद हमारी टीम ने उस जगह का दौरा किया, जहां से हमें शिकायतें मिली थीं। हमने पाया कि वहां न केवल शर्मा ने, बल्कि 50-60 अन्य फ्लैट मालिकों ने भी नियमों का उल्लंघन किया है।

घोडके ने बताया कि वहां रहने वाले सभी निवासियों ने अपने निर्माण कार्य के दौरान मैंग्रोव को नुकसान पहुंचाया और कई तब्दीलियां की हैं। हमने जीपीएस से रीडिंग ले ली है और इसके आधार पर एक या दो दिन में अंतिम रिपोर्ट निकाली जाएगी और अंतिम कार्रवाई के लिए इसे कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। गोरेगांव उपनगर स्थित अपने फ्लैट में अवैध निर्माण के आरोप में यहां की ओशिवारा पुलिस ने सोमवार को शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के उप-अभियंता अभय जगताप ने इस संबंध में ओशिवरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिकायत में जगताप ने आरोप लगाया कि शर्मा ने गोरेगांव में न्यू लिंक रोड पर स्थित डीएलएच एनक्लेव में अपने फ्लैट के निर्माण कार्य के दौरान नियमों का उल्लंघन किया और उसमें अवैध निर्माण किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसी शिकायत के आधार पर शर्मा के खिलाफ महाराष्ट्र प्रादेशिक नगर नियोजन अधिनियम (एमआरटीपी) 1966 की धारा 53 (7) के तहत आरोप दर्ज किया गया।

पिछले हफ्ते बीएमसी के एक अधिकारी पर पांच लाख रुपए की रिश्वत मांगे जाने का आरोप लगाकर अभिनेता विवादों में घिर गए थे और उन्होंने दावा किया कि इसी कारण बदले की भावना से उनके खिलाफ वर्सोवा में उनके कार्यालय और अपार्टमेंट में निर्माण कार्य में नियम के उल्लंघन का दावा किया गया। राज ठाकरे के नेतृत्व वाली एमएनएस ने भी शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। एमएनएस महासचिव शालिनी ठाकरे ने कहा कि समुचित कार्रवाई के लिए इस मुद्दे पर अगली कार्रवाई करने जा रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सेलिब्रिटी को विशेष सुविधा दी जाती है।

सामाजिक कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि कोई उदाहरण पेश करने की जगह शर्मा ने नगर निकाय नोटिसों का जवाब देने के बजाय अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल करने को तरजीह दी। तथ्य यह है कि शर्मा को उनके परिसरों के लिए पहले से ही नोटिस जारी किया गया था। शर्मा को उन्हें जारी किए गए नोटिसों का जवाब देना चाहिए था। लेकिन उन्होंने अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल करते हुए सीधे प्रधानमंत्री तक पहुंच बनाने को तरजीह दी। बहरहाल, इससे पहले शिवसेना कपिल को उनसे रिश्वत मांगने वाले का नाम जाहिर करने की चुनौती दे चुकी है। भाजपा नेता राम कदम ने मुंबई पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई थी और शर्मा के आरोपों की जांच के लिए इसे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भेजने की मांग की थी।

इस बीच कांग्रेस नेता संजय निरुपम सोमवार को शर्मा के समर्थन में आ गए और कहा कि रिश्वत मामले से ध्यान भटकाने के लिए ही कलाकार को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव से इस मामले में दखल देने की मांग की। शुक्रवार को कपिल ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को ट्वीट किया था और कहा था कि पिछले पांच साल से मैं पांच करोड़ रुपए कर अदा कर रहा हूं और अब भी मुझे अपने दफ्तर के निर्माण कार्य के लिए बीएमसी कार्यालय को पांच लाख रुपए रिश्वत देनी पड़ती है।2014 के चुनावी नारे- अच्छे दिन आने वाले हैं- का उल्लेख करते हुए अपने अगले ट्वीट में उन्होंने यह जानना चाहा कि नरेंद्र मोदी जी.. ये हैं आपके अच्छे दिन? ट्विटर हैंडल पर शर्मा के 63 लाख फॉलोअर हैं और प्रधानमंत्री को टैग करने के साथ ही उनके इस ट्वीट पर सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों से तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं। गौरतलब है कि मुंबई में निकाय चुनाव होने वाले हैं। इस पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शर्मा से अनुरोध किया कि वे दोषी को सजा दिलाने के लिए अधिकारियों को जरूरी सूचना उपलब्ध कराएं। विवाद को बढ़ने से रोकने की कोशिश में शर्मा ने कहा कि वह किसी राजनीतिक पार्टी पर दोष नहीं लगाना चाहते।