Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सियासत जारी है, लेकिन सियासत की इस सरगर्मी को उस वक्त और हवा मिल गई, जब एनसीपी चीफ शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। शरद पवार ने गुरुवार (1 जून) को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुंबई में वर्षा बंगले पर मुलाकात की थी। मराठा मंदिर संस्था को 75 साल पूरे हो चुके हैं। इस समारोह का आमंत्रण देने के लिए शरद पवार सीएम शिंदे से मिले थे। यह कार्यक्रम 24 जून को मुंबई में होना है। शरद पवार मराठा मंदिर संस्था के अध्यक्ष हैं।
एकनाथ शिंदे से मुलाकात के बाद शरद पवार ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘वह दक्षिण मुंबई में एक प्रतिष्ठित सिनेमा हॉल, मराठा मंदिर की 75 वीं वर्षगांठ समारोह में मुख्यमंत्री को आमंत्रित करने गए थे।
बैठक राजनीतिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत थी: बीजेपी
एकनाथ शिंदे और शरद पवार की मुलाकात के बाद भाजपा का भी बयान सामने आया। बीजेपी ने कहा कि बैठक राजनीतिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत थी। भाजपा नेता और राज्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, ‘बैठक व्यक्तिगत थी और इसका कोई अन्य अर्थ नहीं था। उन्होंने कहा, “सीएम शिंदे के साथ शरद पवार की मुलाकात राजनीतिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत है। मुख्यमंत्री सबके हैं और पवार के भी हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि शरद पवार से मुलाकात हुई है। हमारी कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। मराठा मंदिर संस्था के अध्यक्ष और संस्था के 75 साल होने पर उन्होंने मुझे निमंत्रण दिया है। फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों, बैकस्टैज कलाकार आदि के मुद्दों को लेकर चर्चा हुई है।
उद्धव ठाकरे विदेश दौरे पर
शिवसेना (UBT) चीफ और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे विदेश के दौरे पर हैं। ऐसे वक्त पर शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलने पहुंचे थे। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद भी दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है। शरद पवार फिलहाल लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने कोशिश में जुटे हैं। आगामी 12 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पटना में विपक्षी दलों की अहम बैठक भी होनी है।
12 जून को पटना में होगी विपक्षी दलों की बैठक
शिवसेना नेता (UBT) संजय राउत ने बतााया कि 12 जून को विपक्षी दलों की होने वाली बैठक में उद्धव ठाकरे और शरद पवार को भी आमंत्रित किया गया है। राउत ने कहा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उन सभी बड़े नेताओं को आमंत्रित किया है, जो भाजपा के साथ नहीं हैं और वो सभी देशभक्त दल जो 2024 में बदलाव चाहते हैं। नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने का काम कर रहे हैं।