वल्लभ ओजरकर

पात्रा चॉल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिलने के एक दिन बाद भाजपा के कट्टर आलोचक माने जाने वाले शिवसेना सांसद संजय राउत ने कुछ ऐसा कह दिया, जो स्वाभाविक नहीं था। उन्होंने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रशंसा कर दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे। इसके बाद कयासों का सिलसिला शुरू हो गया है।

संजय राउत ने गुरुवार की सुबह संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “मैं किसी की भी आलोचना या उसके खिलाफ नहीं बोलूंगा, चाहे वह केंद्रीय एजेंसियां ​​हों या सरकार। मुझे और मेरी पार्टी को नुकसान हुआ है। हम सिर्फ विरोध के लिए किसी का विरोध नहीं करेंगे। अगर उन्होंने अच्छा काम किया है तो हम उनकी सराहना करेंगे और उनका स्वागत करेंगे। मौजूदा व्यवस्था ने भी कुछ अच्छा काम किया है। उन फैसलों का स्वागत किया जाना चाहिए जो देश या राज्य के लिए अच्छे हैं। मैं देवेंद्र फडणवीस द्वारा लिए गए फैसलों का स्वागत करता हूं। मैं बहुत जल्द फडणवीस से मिलूंगा। मैं जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलूंगा।”

शुरू में यह कदम भाजपा के साथ सामंजस्य स्थापित करने का एक प्रयास लग रहा था, लेकिन यह केंद्रीय जांच एजेंसियों जैसे कि प्रवर्तन निदेशालय को दूर रखने और भाजपा के साथ टकराव से बचने के लिए एक रणनीतिक कदम भी हो सकता है, क्योंकि उनका मामला अभी भी खुला है।

संजय राउत को इस साल 1 अगस्त को पात्रा चॉल हाउसिंग प्रोजेक्ट घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था और बुधवार को उन्हें जमानत मिल गई थी। उनकी रिहाई के बाद मुंबई केंद्रीय जेल के बाहर उद्धव बालासाहेब ठाकरे सेना के कार्यकर्ताओं ने राउत का भव्य स्वागत किया था।

अपनी रिहाई के तुरंत बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए संजय राउत ने अपने सामान्य जुझारू स्वभाव की झलक दिखाते हुए कहा था, “मेरी रिहाई के बाद मेरा परिवार पहली बार रोया। मैंने उनसे कहा कि यह रोने का समय नहीं है, अब लड़ने का समय है। हमें पूरी ताकत से लड़ना है। मैं अब आजाद हो गया हूं। मैं विपक्ष (भाजपा-शिंदे) से पूरी ताकत से निपटूंगा। जब उन्होंने मुझे इस जगह से गिरफ्तार किया था, मैंने कहा था कि मैं मौत को तरजीह दूंगा लेकिन मैं दिल्ली के सामने न झुकूंगा और न ही आत्मसमर्पण करूंगा।”

संजय राउत ने कहा कि बीजेपी को उन्हें गिरफ्तार करने का पछतावा होगा। उन्होंने कहा, “वे नहीं जानते कि उन्होंने मुझे गिरफ्तार करके कितनी बड़ी गलती की है। यह उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी भूल होगी। उन्हें जल्द ही इसका एहसास हो जाएगा।”

गुरुवार को पत्रकारों से बात करने के बाद राउत का पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके परिवार के सदस्यों ने उनके आवास मातोश्री में मेजबानी की, जिससे लंबे समय से चले आ रहे संबंधों में आने वाली किसी भी शंका को दूर किया जा सके। राउत ने वहां पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी जाहिर की।
राउत ने कहा कि उनके जीवन का एक-एक पल शिवसेना को समर्पित है। उन्होंने कहा, “आज अदालत ने कहा कि गिरफ्तारी अवैध थी। आप जितने चाहें मुझे गिरफ्तार करें, लेकिन मैं सेना नहीं छोड़ूंगा।”

वहीं राउत के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “अगर राउत का इरादा उनके खिलाफ मामलों को निपटाने का होता, तो वह 100 दिन जेल में भी नहीं बिताते।”

सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि एक दिन के भीतर संजय राउत के रुख में बदलाव उनके और भाजपा के बीच किसी तरह की बातचीत का संकेत देता है। एक नेता ने कहा, “राउत 100 से अधिक दिनों से जेल में है। वह स्पष्ट रूप से उस माहौल में नहीं रहना चाहते, भले ही अदालत ने उसके पक्ष में टिप्पणी की हो। ऐसा लगता है कि यह उनके और भाजपा या शिंदे गुट के बीच टकराव से बचने की उनकी रणनीति है। जबकि उनका मामला अभी भी लंबित है।”