मुंबई में एक रेलवे कर्मचारी ने एक बच्चे को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी। बच्चा प्लेटफॉर्म पर चलते हुए संतुलन बिगड़ने की वजह से रेल की पटरी पर गिर गया था। यह घटना शनिवार को वांगनी रेलवे स्टेशन पर हुई थी। रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा शेयर किए गए सीसीटीवी फुटेज में एक बच्चा एक महिला के साथ एक सुनसान रेल प्लेटफॉर्म पर चलते हुए दिखाई दे रहा है।
वीडियो में बच्चा, महिला का हाथ पकड़कर, प्लेटफॉर्म के किनारे पर है जब वह अचानक अपना संतुलन खो देता है और पटरियों पर गिर जाता है। तभी, रेलवे पॉइंटमैन मयूर शेल्खे बच्चे की ओर दौड़ते हुए दिखाई देते हैं। इस बीच सामने से एक तेज रफ्तार ट्रेन आती दिख रही है। शेल्खे वक्त रहते बच्चे को बचाने में कामयाब रहते हैं। वीडियो फुटेज को शेयर करते हुए, मंत्री ने लिखा: “मयूर शेल्खे पर बहुत गर्व है, मुंबई के वांगनी रेलवे स्टेशन के रेलवेकर्मी जिन्होंने असाधारण साहसपूर्ण कार्य किया है, अपनी जान जोखिम में डालकर एक बच्चे की जान बचाई।” मंत्री ने शेल्खे से भी बात की और उनकी बहादुरी और साहस के लिए उनकी प्रशंसा की। मंत्री ने लिखा, ” पूरे रेल परिवार को उन पर गर्व है।”
#WATCH | Maharashtra: A pointsman in Mumbai Division, Mayur Shelkhe saves life of a child who lost his balance while walking at platform 2 of Vangani railway station & fell on railway tracks, while a train was moving in his direction. (17.04.2021)
(Video source: Central Railway) pic.twitter.com/6bVhTqZzJ4
— ANI (@ANI) April 19, 2021
गोयल ने ट्वीट किया,” किसी भी पुरस्कार या पैसे के साथ उनके कार्य की तुलना नहीं की जा सकती है, लेकिन उन्हें उनकी जिम्मेदारी पूरी करने और मानवता को अपने काम के लिए प्रेरित करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। ”
घटना के बाद रेलवे कर्मचारियों ने मयूर शेल्खे को शाबाशी दी और सम्मानित करने का काम किया। मयूर शेल्खे ने बताया, ‘ महिला (बच्चे के साथ) दिव्यांग थीं। वह कुछ नहीं कर सकीं। मैं बच्चे की ओर भागा लेकिन यह भी सोचा कि मैं भी खतरे में पड़ सकता हूँ। फिर भी, मैंने सोचा कि मुझे उसे बचा लेना चाहिए। महिला बहुत भावुक थी और उसने मुझे बहुत धन्यवाद दिया। मंत्री पीयूष गोयल ने भी मुझे फोन किया।’
रेल मंत्रालय ने मयूर शेल्खे को 50,000 रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की। मयूर शेल्खे ने बताया, ‘मैं उस बच्चे की शिक्षा के लिए आधी राशि दान करूंगा। मुझे पता चला कि उसका परिवार आर्थिक रूप से मजबूत नहीं है। इसलिए मैंने यह निर्णय लिया है।’