Maharashtra: राज्यसभा चुनावों के परिणाम के बाद से महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है। भाजपा-शिवसेना के बीच जुबानी जंग जारी है। राज्यसभा की छह में से तीन सीटों पर भाजपा (BJP) की जीत के बाद शिवसेना (Shiv Sena) नेता संजय राउत ने केंद्र की मोदी सरकार पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है, 48 घंटों के लिए ईडी को हमारे हवाले कर दो, देखना देवेंद्र फडणवीस भी हमको वोट करेंगे। इसके पहले राउत चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठा चुके हैं।
‘शिवसेना डरेगी नहीं’
अपने दावों को परिणाम का रुप देने में असफल रही शिवसेना चुनाव आयोग के साथ-साथ केंद्रीय जांच एजेंसियों पर भी तोहमत लगा रही है। हालांकि ये पहला मामला नहीं है जब राउत जांच एजेंसियों पर सवाल उठा रहे हों। इससे पहले उन्होंने कहा था, “पूरे देश में केंद्रीय जांच एजेंसी की टाईमिंग हमें पता है। जहां कहीं भी चुनाव होने वाला होता है या जब किसी राज्य सरकार में अस्थिरता पैदा करनी हो तो ED और CBI को भेजा जाता है लेकिन महाराष्ट्र न झुकेगा न शिवसेना डरेगी।”
बता दें कि शिवसेना प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद संजय राउत चुनाव आयोग पर भी भाजपा का समर्थन करने का आरोप लगा चुके हैं। शुक्रवार को राउत ने कहा था, चुनाव आयोग ने हमारे एक वोट को अमान्य कर दिया। हमने दो वोटों का विरोध किया लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। चुनाव आयोग ने भाजपा का समर्थन किया।
कैसा था समीकरण
महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटें खाली थीं। विधायकों की संख्या से अनुमान लगाया जा रहा था कि भाजपा 2 सीट आसानी से जीत लेगी। वहीं शिवसेना गठबंधन को 3 सीट मिलने का अनुमान था। यानी कुल 5 सीटें पर मामला क्लियर था लेकिन छठी सीट के लिए किसी के पास बहुमत नहीं था। बावजूद इसके इस सीट पर भाजपा ने धनंजय महाडिक और शिवसेना ने संजय पवार को उम्मीदवार बना दिया था। इस सीट पर जीत के लिए भाजपा और शिवसेना दोनों ने खूब फील्डिंग लगाई थी। दोनों ने निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों को खूब प्रलोभन भी दिया था। विधायकों को फाइव स्टार होटल में कैद रखने का दौर भी चला। अंततः 22 साल के अंतराल के बाद 10 जून को महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ और भाजपा ने छठी सीट पर बाजी मार ली।