महाराष्ट्र में अपनी कृषि उपज के लिए लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर हजारों किसान सड़कों पर उतरे हैं। किसान मुंबई की ओर मार्च कर रहे थे। लेकिन अब ठाणे जिले के शहापुर (Shahapur in Thane district) के वासिंद इलाके में किसानों ने अपने मार्च को रोक दिया है। किसान अपनी मांगों के पक्ष में विधानसभा में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) के बयान का इंतजार कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार किसानों के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को कहा कि अगर वे अपने मुद्दों को हल करने के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं देखते हैं, तो वे मुंबई की ओर मार्च करना जारी रखेंगे। सीपीआई (एम) के पूर्व विधायक जीवा पांडु (JP), जो एक किसान-नेता भी हैं, उन्होंने कहा कि सीएम शिंदे द्वारा विधानसभा में उनकी मांगों को स्वीकार करने और आधिकारिक तौर पर आदेश देने के बाद ही मार्च वापस लिया जाएगा।
किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से मुलाकात की
इससे एक दिन पहले किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों को लेकर एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। बैठक के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा कि चर्चा सकारात्मक रही और शुक्रवार को विधानसभा के अंदर इस संबंध में घोषणा की जाएगी। सीएम और डिप्टी सीएम के साथ अपनी बैठक के बाद एक बयान में सीपीआईएम विधायक विनोद निकोल ने गुरुवार को कहा कि उनकी सभी मांगें मान ली गई हैं और वे शुक्रवार सुबह सरकार की घोषणा का इंतजार करेंगे।
वहीं पूर्व विधायक जीवा पांडु ने कहा, “अगर विधानसभा में आधिकारिक रूप से मांगों को नहीं माना जाता है और इसके क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर स्तर पर लिखित आदेश दिए जाते हैं, तो मार्च वापस नहीं लिया जाएगा। हम फिर मुंबई और विधान भवन की ओर बढ़ेंगे।”
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेतृत्व में किसान प्याज किसानों को 600 रुपये प्रति क्विंटल के भुगतान की मांग कर रहे हैं। साथ ही किसानों को 12 घंटे की निर्बाध बिजली आपूर्ति और कृषि ऋण माफी की मांगों को लेकर नासिक से मुंबई तक मार्च कर रहे हैं।