महाराष्ट्र में मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष का पद छोड़ने के शरद पवार के ऐलान के बाद सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। कांग्रेस पार्टी ने उम्मीद जताई है कि शरद पवार सार्वजनिक जीवन में आजीवन बने रहेंगे। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें नहीं पता है कि पवार ने ऐसा फैसला क्यों लिया है। यह उनका और उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है। उनके इस्तीफे से एमवीए में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि नाना पटोले ने कहा कि एनसीपी के नये अध्यक्ष पार्टी को महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) में बनाए रखेंगे।

कुछ समय से चर्चा में थी पद छोड़ने की बात

पिछले कुछ दिनों से शरद पवार को लेकर इस तरह की चर्चाएं चल रही थीं कि वह पद छोड़ेंगे और अपनी राजनीतिक विरासत अगली पीढ़ी के हाथों में सौंपेंगे। इस बीच पार्टी के अंदर भी कुछ वैचारिक मतभेद के संकेत मिल रहे थे। हालांकि इसके बारे में कोई अधिकृत बयान पार्टी के किसी नेता ने नहीं दिये थे, केवल सूत्रों के हवाले से कुछ अटकलें लगाई जा रही थीं।

पिछले साल शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के गिरने और सावरकर समेत कई मुद्दों पर गठबंधन में दरार की खबरों के बीच शरद पवार के पद छोड़ने की चर्चाएं चल रही थीं। दूसरी तरफ अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता और गठबंधन करने जैसे कई मुद्दों को लेकर पवार विपक्ष के विभिन्न नेताओं से मुलाकात करने और सबको एक मंच पर लाने की पहल भी कर रहे थे। इससे यह भी चर्चाएं थीं कि वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं। कुछ इसी तरह की पहल पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी कर रहे थे।

शरद पवार की उम्र 82 साल से ज्यादा हो चुकी है। वह पिछले 63 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के अलावा केंद्र में कई बार मंत्री भी रहे। इतने अनुभवी नेता के इस तरह राजनीति से संन्यास लेने से महाराष्ट्र और देश की राजनीति में असर पड़ना तय हैं।