पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने एक बार फिर मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने शराब से कितने लोगों के घर बर्बाद हो रहे हैं, इसे लेकर चिंता व्यक्त करते हुए बच्चों की पढ़ाई के खतरे का मुद्दा उठाया है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि शराब को दम लगाकर रोकना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने एक-एक कर गिनाया कि इसकी वजह से कितने संकट पैदा होते हैं।

भोपाल में उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर फिर मोर्चा खोला है। उन्होंने कहा कि अगर शराब का वितरण नहीं रोका गया तो महिलाएं और बेटियां संकट में आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि जब इंसान को शराब से संतुष्टि नहीं मिलती, उसको और ज्यादा नशा चाहिए होता है। तो वह शराब छोड़कर नशे पर आ जाता है, जो बहुत घातक होता है और इसी तरह धीरे-धीरे फिर वह अपने आप को नष्ट कर लेता है।

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर शराब वितरण को हमने जोर से दम लगाकर नहीं रोका, तो इसमें कई सारी चीजें संकट में आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि शराब की वजह से सिर्फ महिलाओं के लिए संकट नहीं होता है, बल्कि घरों में बच्चे संकट में आ जाते हैं, बेटियां संकट में आ जाती हैं क्योंकि वह पढ़ नहीं पाएंगी क्योंकि बाप शराब में पैसा फूंक देगा।

इस सिलसिले में उमा भारती ने एक के बाद एक कई ट्वीट भी किए हैं। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, “करीब सवा महीने पहले मेरी और शिवराज जी की शराबबंदी को लेकर लंबी वार्ता हुई फिर दिल्ली में हमारी पार्टी संगठन के वरिष्ठतम नेतृत्व से मेरी इसी विषय पर बातचीत हुई।” उन्होंने एक अन्य ट्वीट में पंजाब का उदाहरण देते हुए कहा कि कहीं गलती से “उड़ता मध्य प्रदेश ना बन जाए”। उन्होंने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने जो राह दिखाई और जिस पर चलने का वादा हमारी प्रदेश की सरकार ने किया है उसको पूरा करने में हम सब सरकार का सहयोग करें और अपने अभियान में तेजी लाएं।”

एक और ट्वीट में उमा भारती ने कहा, “यह अभियान तेजी पकड़े यह बहुत जरूरी है मैं इसके लिए पंजाब का उदाहरण दूंगी, पहले शराब पीने का प्रचंड दौर चला फिर एक समय ऐसा आता है कि शराब से नशे की हवस पूरी नहीं होती तो व्यक्ति दूसरे नशे करता है और फिर भरी जवानी में नष्ट हो जाता है, यही उड़ता पंजाब की कहानी है।”