Madhya Pradesh Assembly Polls: मध्य प्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) कई मोर्चों पर काम कर रही है। सत्ता में वापस आने के लिए बीजेपी हाईकमान कोई भी कोरकसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसी के मद्देनजर बीजेपी ने अब राज्य के कुछ हिस्सों में ‘विजय संकल्प यात्रा’ निकालने का फैसला किया है। पार्टी के एक पदाधिकारी ने गुरुवार को इस बात की जानाकारी दी।
पार्टी पदाधिकारी ने कहा ‘विजय संकल्प यात्रा’ की शुरुआत सिंतबर से हो सकती है, लेकिन इस कार्यक्रम को लेकर जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा और इसको लेकर घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह की अध्यक्षता में बुधवार देर रात भाजपा की कोर कमेटी की चार घंटे तक चली बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया।
पीएम मोदी समेत कई हाई प्रोफाइल नेता हो सकते शामिल
उन्होंने कहा कि पार्टी की ‘विजय संकल्प यात्रा’ उज्जैन, जबलपुर, सागर, ग्वालियर और चित्रकूट शहरों से निकाली जाएंगी। उज्जैन में विजय संकल्प यात्रा निकालने का पार्टी का मुख्य लक्ष्य मालवा क्षेत्र को कवर करना है, जबकि जबलपुर और सागर यात्रा निकालने का मकसद महाकोशल और बुंदेलखंड क्षेत्रों में मतदाताओं तक पहुंचना है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि ग्वालियर और चित्रकूट में यात्राएं चंबल और विंध्य क्षेत्रों को कवर करेंगी। उन्होंने कहा कि पार्टी इन यात्राओं को शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अपने शीर्ष नेताओं को शामिल करने की योजना बना रही है।
चुनाव से पहले कर्नाटक में भी बीजेपी ने निकाली थी यात्रा
इस साल की शुरुआत में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने मार्च में वहां चार ऐसी यात्राएं निकालीं थी। हालांकि, भगवा पार्टी दक्षिणी राज्य में सत्ता बरकरार नहीं रख सकेगी। मतदाताओं ने कांग्रेस पर भरोसा जताया और कांग्रेस पार्टी ने पूर्ण बहुमत से कर्नाटक में सरकार बनाई।
पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने निकालीं थी ‘जन आशीर्वाद यात्राएं’
मध्य प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ‘जन आशीर्वाद यात्राएं’ निकाली थीं। राज्य में 28 नवंबर, 2018 को हुए पिछले विधानसभा चुनाव में 230 सीटों में से कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। बीजेपी ने 109 सीटें जीतीं थी।
15 साल के बाद कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व ने गठबंधन सरकार बनाई थी। हालांकि कांग्रेस पार्टी में सब कुछ ठीक न होने के कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थकों-विधायक के साथ पाला बदला। मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति वफादार कई विधायकों के इस्तीफा देने और भाजपा में शामिल होने के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई। जिसके बाद एक बार फिर से शिवराज ने मध्य प्रदेश के सिंहासन पर काबिज हुए थे।
