मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा जिला विकास के मॉडल को लेकर पूरे प्रदेश की राजनीति का केंद्र बिंदु बना हुआ है। इस सबके बीच वहां से एक विचलित करने वाली तस्वीर सामने आई है। जुन्नारदेव में एक महिला को अपने पति के इलाज के लिए तीन घंटे तक एंबुलेंस नहीं मिली, जिसके बाद आखिरकार महिला अपने पति को ठेले पर बैठाकर उसे अस्पताल तक ले गई।
महिला गीता नागवंशी जुन्नारदेव नगर में रहती है उसके पति का पिछले दिनों भोपाल में हुए हादसे के बाद पैर कट गया था। महिला अपने बीमार पति का इलाज जुन्नारदेव अस्पताल में करा रही थी। गुरुवार को महिला अपने पति को अस्पताल ले जाने के लिए तीन घंटे तक एंबुलेंस सेवा में फोन करती रही, आखिरकार जब सुविधा नहीं मिली तो वह खुद ही अपने पति को ठेले पर रखकर धक्का लगाते हुए तीन किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंच गई।
रास्ते में भी नहीं की किसी ने मदद
आर्थिक रूप से कमजोर महिला ने आस-पड़ोस में भी लोगों से संपर्क किया, लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। यहां तक कि रास्ते में भी किसी ने उसकी मदद नहीं की और लोग वीडियो बनाते रहे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
एंबुलेंस सेवा में कमी
अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, यहां एक एंबुलेंस विधायक निधि से मिली तो थी, लेकिन उसका संचालन अभी तक नहीं हो पाया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जीसी चौरसिया ने बताया कि उनकी कोशिश हर मरीज को एंबुलेंस सेवा देने की है, लेकिन वाहन ही नहीं हैं तो दिक्कत आएगी ही। सीएमएचओ जी.सी चौरसिया ने कहाकि लंबे समय से अस्पतालों में एंबुलेंस नहीं दी जा रही है। फिर भी 108 और जननी एक्सप्रेस के माध्यम से सुविधा दी जाती हैं। इसके अलावा लोगों में जागरूकता की भी कमी है जिसके कारण भी सुविधा का लाभ नहीं ले पाते हैं।
डॉ. रविन्द्र बाथम बीएमओ, जुन्नारदेव ने बताया कि 108 एम्बुलेंस का संचालन भोपाल कंट्रोल रूम से होता है। एम्बुलेंस किन परिस्थितियों में मरीज तक नहीं पहुंच पाई। यह स्पष्ट नहीं है। महिला के पति का प्राथमिक इलाज कर दिया गया है। मरीज को जिला अस्पताल जाकर भर्ती होने की सलाह दी गई है।