BSP Chief Mayawati: आगामी लोकसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी अपने अकेले दम पर लड़ेगी। इसको लेकर शनिवार को बसपा प्रमुख मायावती ने एक्स पर इसकी घोषणा की। साथ ही मीडिया को भी नसीहत दी। मायावती ने कहा कि लोकसभा का चुनाव बीएसपी पूरी तैयारी और दमदारी के साथ लड़ रही है।
बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को एक्स पर लिखा, ‘बीएसपी देश में लोकसभा का आमचुनाव अकेले अपने बलबूते पर पूरी तैयारी व दमदारी के साथ लड़ रही है। ऐसे में चुनावी गठबंधन या तीसरा मोर्चा आदि बनाने की अफवाह फैलाना यह घोर फेक व गलत न्यूज़। मीडिया ऐसी शरारतपूर्ण खबरें देकर अपनी विश्वसनीयता न खोए। लोग भी सावधान रहें।’
एक अन्य पोस्ट में मायावती ने लिखा, ‘ख़ासकर यूपी में बीएसपी की काफी मज़बूती के साथ अकेले चुनाव लड़ने के कारण विरोधी लोग काफी बैचेन लगते हैं। इसीलिए ये आए दिन किस्म-किस्म की अफवाहें फैलाकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास करते रहते हैं। किन्तु बहुजन समाज के हित में बीएसपी का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला अटल।”
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती पहले ही स्पष्ट कर चुकी हैं कि वह लोकसभा चुनाव में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। अटकलें थीं कि कांग्रेस पार्टी मायावती को इंडिया गठबंधन में शामिल करने के लिए मना सकती हैं। हालांकि, उन्होंने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी किसी के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी, बल्कि अपने दम पर तमाम सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी।
इसके पहले राजनीतिक गलियारों में चर्चा यह भी थी कि मायावती ने कांग्रेस के सामने इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी को न लेने की शर्त रखी थी। शुरुआती दौर में जब कांग्रेस और सपा के गठबंधन की बात फाइनल नहीं हो पा रही थी तो इन अटकलों को बल मिला, लेकिन फिर बसपा प्रमुख ने साफ कर दिया कि लोकसभा चुनाव में बसपा किसी भी राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करने जा रही है।
2019 लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा ने किया था गठबंधन
उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिहाज से 2019 का लोकसभा चुनाव बेहद अहम रहा था। इस चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए प्रदेश की दो सबसे बड़ी सियासी अदावत वाली पार्टियों सपा-बसपा ने हाथ मिला लिया था। शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मायावती और अखिलेश कभी एक साथ एक मंच पर आएंगे, लेकिन 2019 में ऐसे हुआ था। तब माना जा रहा था कि इन दोनों के हाथ मिलाने से बीजेपी को जबरदस्त झटका लगेगा, लेकिन ऐसा कतई नहीं हुआ। यूपी में बीजेपी की ऐसी आंधी चली कि गठबंधन हवा हो गया। वहीं कांग्रेस का तो बुरा हाल था।
2019 में यूपी में किस दल को कितनी सीटें मिलीं
2019 में बीजेपी के समीकरण के आगे विपक्षी दलों के सारे दांव पेंच फेल हो गए थे। भाजपा ने 78 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 62 सीटों पर पार्टी कमल खिलाने में कामयाब रही थी। वहीं बीजेपी की सहयोगी अपना दल एस को दो सीटों पर जीत हासिल हुई। सपा बसपा गठबंधन कोई खास करिश्मा नहीं दिखा पाया। बसपा के खाते में जहां 10 सीटें आईं तो वहीं सपा को सिर्फ पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी। कांग्रेस को तो प्रदेश में तगड़ा झटका लगा। बीजेपी ने राहुल गांधी की पारंपरिक सीट अमेठी को भी छीन लिया और कांग्रेस महज एक रायबरेली सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी थी।