Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में बसपा ने अब तक 46 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है। जिससे यह संकेत मिलता है कि बसपा इंडिया गठबंधन के पारंपरिक वोटों में सेंध लगा सकती है। इससे कांग्रेस और समाजवादी पार्टी द्वारा बसपा को बीजेपी की ‘बी’ टीम होने का आरोप और पुख्ता होता है।

बसपा द्वारा अब तक घोषित किए गए नामों में से 11 मुस्लिम हैं, जो मुख्य रूप से पश्चिमी यूपी की अल्पसंख्यक बहुल सीटों जैसे सहारनपुर, मोरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा, आंवला, पीलीभीत से हैं। जहां 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है। मध्य यूपी की कन्नौज और लखनऊ सीट पर भी बसपा ने मुस्लिम चेहरे पर दांव लगाया है। यह उन 50 सीटों पर सपा द्वारा उतारे गए मुसलमानों की संख्या से कहीं अधिक है, जिनके लिए उसने नामों की घोषणा की है।

मुसलमानों के अलावा, बसपा ने बड़ी संख्या में ब्राह्मणों को भी टिकट दिया, जैसे अकबरपुर से राकेश द्विवेदी, मिर्ज़ापुर से मनीष त्रिपाठी और उन्नाव से अशोक कुमार पांडे। बाकी या तो पार्टी के दलित या पिछड़े नेता हैं। बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक और मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद ने हाल ही में भाजपा पर हमले के साथ पार्टी का लोकसभा अभियान शुरू किया है। मायावती ने पश्चिमी यूपी की प्रमुख मुस्लिम आबादी वाली सीटों पर रैलियों की एक लिस्ट बनाई है। जिनमें मुरादाबाद, पीलीभीत, नगीना और बिजनौर शामिल हैं।

Lok Sabha Elections 2024: यहां देखें बसपा प्रत्याशियों की लिस्ट

क्रम संख्यालोकसभा क्षेत्रBSP प्रत्याशी
1सहारनपुरमाजिद अली
2कैरानाश्रीपाल सिंह
3मुजफ्फरनगरदारा सिंह प्रजापति
4बिजनौरचौधरी ब्रिजेंद्र सिंह
5नगीनासुरेंद्र पाल सिंह
6मुरादाबादइरफान सैफी
7रामपुरजीशान खां
8सम्भलशौलत अली
9अमरोहामुजाहिद हुसैन
10मेरठदेवव्रत त्यागी
11बागपतप्रवीण बंसल
12गाजियाबादठाकुर नंदकिशोर पुंढीर
13गौतम बुद्ध नगरराजेंद्र सिंह सोलंकी
14बुलंदशहर (अ.जा)गिरीश चंद्र जाटव
15हाथरस (अ.जा)हेमबाबू धनगर
16मथुरासुरेश सिंह
17आगरा (अ.जा)पूजा अमरोही
18फतेहपुर सीकरीरामनिवास शर्मा
19फिरोज़ाबादसत्येंद्र जैन सौली
20आंवलाआबिद अली
21पीलीभीतअनीस अहमद खां फूल बाबू
22शाहजहांपुरडॉ दोदराम वर्मा
23मोहनलालगंज (अ०जा०)मनोज प्रधान
24उन्नावअशोक पांडेय
25इटावा (अ०जा०)सारिका सिंह बघेल
26कन्नौजइमरान
27कानपुरकुलदीप भदौरिया
28अकबरपुरराजेश कुमार द्विवेदी
29जालौन (अ०जा०)सुरेश चंद्र गौतम
30फैजाबादसच्चिदानंद पांडेय
31अलीगढ़हितेंद्र कुमार उर्फ बिट्टू उपाध्याय
32मैनपुरीगुलशन देव शाक्य
33खीरीअंशय कालरा रॉकी
34लखनऊसरवर मलिक
35कौशांबीशुभनारायण
36लालगंजडॉ इंद चौधरी
37आजमगढ़ भीम राजभर
38घोसी बालकृष्ण चौहान
39एटा मोहम्मद इरफान
40धौरहरा श्याम किशोर अवस्थी
41फैजाबाद सच्चिदानंद पांडेय
42बस्ती दयाशंकर मिश्रा
43गोरखपुर जावेद सिमनानी
44चंदौली सत्येंद्र कुमार मौर्य
45राबर्ट्सगंज धनेश्वर गौतम

पार्टी ने जिन 11 मुसलमानों को मैदान में उतारा है, उनमें से एक गोरखपुर से जावेद सिमनानी भी हैं। बसपा ने हाल के दिनों में यहां से कभी भी किसी मुस्लिम को मैदान में नहीं उतारा है, उसने भाजपा की पारंपरिक सीट से किसी ब्राह्मण या निषाद उम्मीदवार को आगे बढ़ाया है। 2019 में उसने अपने तत्कालीन सहयोगी सपा के लिए निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दिया था। सिमनानी से सपा के मुस्लिम वोटों में कटौती की उम्मीद है, जिसे ओबीसी और निषादों के समर्थन से अलग होने की उम्मीद थी।

सहारनपुर में जहां बसपा ने अपने मौजूदा सांसद हाजी फजरुल रहमान की जगह माजिद अली को मैदान में उतारा है। मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पूछा कि उसने यह जानने के बावजूद इमरान मसूद को क्यों मैदान में उतारा कि वह नहीं जीतेंगे। उन्होंने कहा, बसपा के पास सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि दलित आधार भी है। मुसलमानों से अपने वोट न बांटने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास दूसरा वोट आधार नहीं है।

मुजफ्फरनगर में मायावती ने 2013 के दंगों के बारे में बात की और बताया कि ये समाजवादी पार्टी देखरेख में हुआ था, जबकि उनके चार बार के कार्यकाल दौरान शांति रही। यहां बसपा के उम्मीदवार दारा सिंह प्रजापति हैं, जो अति पिछड़ा वर्ग से हैं। इस सीट पर भाजपा के संजीव बालियान हैं, जो जाट समुदाय से आते हैं। उनको राजपूतों के गुस्से का सामना करना पड़ा रहा है। सपा ने यहां एक जाट हरेंद्र मलिक को भी मैदान में उतारा है और अन्य पिछड़े समुदाय के वोट पाने की उम्मीद कर रही है।

इसके अलावा, बसपा ने मौजूदा सांसद और भाजपा उम्मीदवार सुब्रत पाठक के खिलाफ कन्नौज (सपा का गढ़) से इमरान बिन जाफर को मैदान में उतारा है, जबकि राज्य की राजधानी लखनऊ में केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद राजनाथ सिंह के खिलाफ सरवर मलिक को मैदान में उतारा है।हालांकि, यूपी में बसपा का पतन हो रहा है। 2022 के विधानसभा चुनावों में उसने सिर्फ एक सीट जीती और उसके वोट शेयर में गिरावट देखी गई।

2019 में जब बसपा ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में पिछला लोकसभा चुनाव लड़ा, तो उसने 19% से अधिक वोट शेयर के साथ 10 सीटें जीतीं। उनमें से अधिकांश मौजूदा सांसद पार्टी छोड़ चुके हैं।