Lok Sabha Election 2019 के लिए बीजेपी कोई कसर छोड़ने के मूड में नहीं है। ऐसे में देश के सबसे बड़े सियासी सूबे की सबसे अहम सीटों में शुमार गोरखपुर कैसे बाकी रह जाता। उपचुनाव में सपा-बसपा ने मिलकर बीजेपी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ में ही हरा दिया था। यह चुनाव कई लिहाज से चौंकाने वाला था, एक तो धुर विरोधी सपा-बसपा का साथ आना और दूसरा योगी के इलाके में बीजेपी का हार जाना। लेकिन जिस शख्स के नाम जीत का सेहरा सजा था, अब बीजेपी ने उसे ही अपने पाले में करके बड़ा उलटफेर कर दिया है।
यहीं पड़ी थी गठबंधन की नींवः उत्तर प्रदेश में लंबे समय से एक-दूसरे की धुर विरोधी रहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने उपचुनाव मिलकर लड़ा था। उपचुनाव में बने इस गठबंधन में राष्ट्रीय लोक दल भी साथ था। तीनों ने मिलकर उस समय हुए तीनों लोकसभा सीटों कैराना, फूलपुर और गोरखपुर के उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। गोरखपुर से सपा के टिकट पर प्रवीण निषाद, फूलपुर से सपा के नागेंद्र पटेल और कैराना से आरएलडी की तबस्सुम हसन ने जीत दर्ज की थी। इन नतीजों के बाद राजनीतिक करियर के खराब दौर से गुजर रहे विपक्ष ने मिलकर लड़ने की ताकत को महसूस किया। ऐसे में इन चुनावों ने मायावती और अखिलेश के सियासी रिश्तों को और मजबूत बना दिया। हालांकि बाद में हुए राज्यसभा चुनाव में अखिलेश मायावती को रिटर्न गिफ्ट नहीं दे पाए। लेकिन फिर भी गठबंधन बना रहा।

22 साल बाद फिर मिले थे दिलः उपचुनाव में पहली बार दोनों पार्टियां साथ नहीं हुईं। इससे पहले भी दोनों की सियासी दोस्ती रही है लेकिन 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड ने दोनों को एक-दूसरे का धुर विरोधी बना दिया था। उसके बाद से दोनों के रिश्ते खराब ही रहे। हाल ही में हुए गठबंधन के बाद मायावती ने कहा था कि जनहित को ध्यान में रखते हुए उन्होंने गेस्ट हाउस कांड से ऊपर उठकर फैसला लिया है। वहीं अखिलेश यादव ने कहा था, ‘यदि किसी ने मायावती जी का अपमान किया तो वह मेरा अपमान करने जैसा होगा।’
National Hindi News, 05 April 2019 LIVE Updates: दिनभर की बड़ी खबरों के लिए क्लिक करें
लोकसभा चुनाव में भी बरकरार गठबंधनः मौजूदा लोकसभा चुनाव में एक बार फिर सपा-बसपा-आरएलडी साथ-साथ हैं। अब बसपा 38, सपा 37 और आरएलडी तीन सीटों पर लड़ रही हैं। इस गठबंधन ने गांधी परिवार के गढ़ की दो सीटों अमेठी-रायबरेली पर चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था।
बीजेपी ने यूं कर दिया उलटफेरः बीजेपी के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की सीट गोरखपुर और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की सीट फूलपुर हार जाना किसी झटके से कम नहीं था। गठबंधन के सहारे बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने वाले अखिलेश पर बीजेपी ने अब उन्हीं के तीर से पलटवार कर दिया। सपा के टिकट पर गोरखपुर से उपचुनाव जीते प्रवीण निषाद अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं।

प्रवीण निषाद के पिता और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद पहले ही अखिलेश यादव पर वादाखिलाफी का आरोप लगाकर पाला बदल चुके हैं। उन्होंने अपनी निषाद पार्टी को गठबंधन से अलग किया और योगी से मुलाकात के बाद बीजेपी के साथ जोड़ लिया।