लखीमपुर हिंसा को लेकर हो रहे एक टीवी डिबेट में जब ऐंकर ने ‘विपक्ष की ओछी राजनीति’ को लेकर सवाल पूछा तो जवाब में पैनलिस्ट ने मुम्बई हमले की याद दिला दी। पैनलिस्ट ने पीएम मोदी के उस दौरे का जिक्र किया जिसमें वो 26/11 हमले के तुरंत बाद मुम्बई गए थे।
रिपब्लिक टीवी के एक डिबेट शो में ऐंकर अर्णब गोस्वामी लखीपुर हिंसा को लेकर चर्चा कर रहे थे। अर्णब के सवालों पर जवाब देते हुए टीएमसी नेता रिजु दत्ता ने कहा कि किसी भी तरह का हिंसा का समर्थन नहीं किया जा सकता है। चाहे वो किसानों की तरफ से हो या बीजेपी की तरफ से। इस मामले में आशीष मिश्रा को पुलिस खोज कर गिरफ्तार करे और जिन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को मारा है उसे भी जेल में डाले।
टीएमसी नेता ने आगे कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था पूरी तरह से खराब हो चुकी है। राम राज की जगह ये कीलिंग राज है। टीएमसी नेता ने विपक्ष के नेताओं को पीड़ित परिवारों से नहीं मिलने देने पर भी सवाल उठाया। दत्ता ने कहा कि अगर आप ये कह रहे हैं कि विपक्ष ओछी राजनीति कर रहा है तो मैं आपको ये याद दिला दूं। जब मोदी गुजरात के चीफ मिनिस्टर थे, तब उन्होंने 26/11 हमले के तुरंत बाद मुम्बई पहुंच गए थे। आप इसे क्या कहेंगे।
दत्ता ने आगे यूपी के कानून व्यवस्था पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश रेप और मर्डर की राजधानी बन चुकी है। उन्नाव से लेकर बुलंदशहर, हाथरस, गोरखपुर और अब लखीमपुर खीरी। ये इस तरह से नहीं चल सकता है। पीएम ने एक भी ट्वीट इस पर नहीं किया।
इसके बाद अर्णब टीएमसी प्रवक्ता को बीच में रोकते हुए काउंटर सवाल करने और इस बार टीएमसी ने मानवाधिकार आयोग पर भी सवाल खड़ा कर दिया। इसके बाद बीजेपी प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने भाजपा का पक्ष रखते हुए कहा कि 2014 के बाद इस देश कुछ दुखी आत्माएं घूम रही थीं। 2017 के बाद से वो दुखी आत्माएं और ज्यादा दुखी हो गईं। उन्होंने आगे कहा कि प्रियंका गांधी के कई झूठ सामने आ चुके हैं।
बता दें कि लखीमपुर हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी, तो वहीं दर्जनों लोग घायल हो गए थे। इस घटना में पहले किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी गई थी, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी।
