अब केरल के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि कोल्लम हादसे के बाद तिरुअनंतपुरम मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती घायलों से मिलने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी समेत कई वीवीआईपीज का दौरा ‘अनुचित’ था। बता दें कि यहां मंदिर में आग लगने की वजह से 113 लोगों की मौत हो गई, जबकि बहुत सारे लोग झुलस गए थे। इन लोगों को मेडिकल कॉलेज के बर्न आईसीयू वॉर्ड में भर्ती किया गया था। एक दिन पहले ही केरल के डीजीपी ने कहा था कि सुरक्षा कारणों की वजह से वे नहीं चाहते थे कि मोदी दौरा करें, लेकिन पीएम की ओर से जोर देने की वजह से उन्हें सारे इंतजाम करने पड़े।
मोदी और राहुल गांधी रविवार को अस्पताल पहुंचे थे। यहां भर्ती आठ में से सात पेशंट बेहद नाजुक हालत में थे। डायरेक्टर ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DHS) आर रमेश ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे इन लोगों के शरीर 60 से 90 फीसदी तक जल गए थे। रमेश ने कहा, ”जब मोदी पहुंचे तो मेरे साथ धक्कामुक्की हुई। सिक्युरिटी वालों से बहस करने के बाद डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन और मुझे अपने कमरों में लौटना पड़ा। एक ऐसे अस्पताल, जहां जले हुए शरीरों और झुलसे मरीजों का जमावड़ा लगा हो, वीवीआईपीज का आना अनुचित था। अगर वे हादसे के कुछ घंटों के भीतर आने के बजाए दो या तीन दिन बाद आते तो हमें कोई समस्या नहीं थी। वे एक ऐसे वक्त में पहुंचे जिसे हम पीडि़तों को बचाने के लिए ‘सुनहरा वक्त’ मानते हैं। सिर्फ मोदी और राहुल ही बर्न आईसीयू और वॉर्ड्स में नहीं घुसे, बल्कि उनके करीबी और फोटोग्राफर भी दाखिल हुए। मैंने इसका विरोध किया लेकिन यह हमारे पहुंच के बाहर की चीज थी।”
अधिकारी के मुताबिक, ”वॉर्ड और आईसीयू में जाने के लिए जोर देकर वीवीआईपी लोगों ने इन्फेक्शन रोकने की प्रणाली को ताक पर रख दिया। इसकी वजह से मेडिकल कॉलेज की वो व्यवस्था भी प्रभावित हुई, जो इस हादसे से बेहद प्रभावशाली ढंग से निपटने में कामयाब रहा।।”
कोल्लम से 70 किमी दूर स्थित तिरुअनंतपुरम अस्पताल में रविवार को जब मोदी पहुंचे तो उनके साथ राज्य बीजेपी के अध्यक्ष के राजशेखरन, सीनियर पार्टी लीडर ओ राजागोपाल और क्रिकेटर एस श्रीसंथ भी मौजूद थे। श्रीसंथ अगले महीने होने वाले चुनाव में बतौर बीजेपी कैंडिडेट केरल से चुनाव लड़ रहे हैं। इसी दिन शाम को जब राहुल गांधी पहुंचे तो उनके साथ केपीसीसी प्रेसिडेंट के अलावा केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीएस शिवकुमार थे। नाम गुप्त रखने की शर्त पर हॉस्पिटल की एक नर्स ने द इंडियन एक्सप्रेस से बताया कि सर्जिकल विंग में काम करने वाली उसे और चार अन्य कर्मचारियों को पीएम की सिक्युरिटी टीम ने ऑपरेशन थिएटर में घुसने से रोक दिया था। नर्स ने बताया, ”आईसीयू में भर्ती एक मरीज को अचानक से समस्या हुई और हम दूसरे ब्लॉक से वहां जा रहे थे। लेकिन उन लोगों ने हमें तीस मिनट तक रोके रखा। ”
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नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक डॉक्टर ने भी बताया कि सर्जरी और ऑथोपेडिक्स के एक रेजिडेंट डॉक्टरों को सुपर स्पेशियिलिटी ब्लॉक के करीब राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मियों ने आधे घंटे तक रोके रखा। डॉक्टर के मुताबिक, सुरक्षाकर्मियों ने न केवल लिफ्ट बल्कि सीढि़यों को भी ब्लॉक कर रखा था। DHS रमेश का कहना है कि उन्होंने इनमें से कुछ घटनाओं को अपनी आंखों से देखा। रमेश ने कहा, ”क्रिटिकल केयर यूनिट में डॉक्टर और नर्स मास्क और कैप पहनते हैं। वे अतिरिक्त सावधानी बरतते हैं क्योंकि एक छोटी सी गलती भी सीरियस इन्फेक्शन या मौत की वजह बन सकती है। लेकिन इन वीआईपी और उनके करीबियों को इससे कोई मतलब नहीं था। कैमरों के सामने उन्होंने मरीजों को छुआ भी।” रमेश का यह भी कहना है कि वीआईपी के दौरों को रोकने के लिए कुछ नियम बनने चाहिए। रमेश ने कहा, ”अगर वीआईपी अस्पताल का दौरा करना ही चाहते हैं तो उनके साथ आए लोगों को कैंपस से बाहर रखना चाहिए क्योंकि उनका उस जगह होने की कोई जरूरत नहीं है, जहां बेहद नाजुक हालात में भर्ती मरीज अपनी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। रविवार को सिर्फ कुछ लोगों ने मास्क पहन रखा था। इसके अलावा, किसी भी वीवीआईपी या उनके सुरक्षाकर्मी ढंग से स्टेरलाइज्ड नहीं थे।”