गाजियाबाद जिले में मुआवजे के लिए आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। आवास विकास परिषद की शिकायत पर ट्रोनिका सिटी थाने में पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया है। बताते चलें कि मुआवजे के लिए पिछले करीब पांच साल से किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने अब विरोध का अनुठा तरीका अपनाया है और बुधवार को 17 किसान समाधि लेने के लिए गड्ढे में उतर गए थे। किसानों ने आवास विकास कार्यालय के सामने ही गड्ढे खोदे थे।

बताते चलें कि मंडोला विहार के छह गांवों के सैंकड़ों किसान कब्र खोदकर आमरण अनशन और धरने पर बैठे थे। शनिवार की रात इन गड्ढों को प्रशासन की ओर से भरवाने की कोशिश की गयी थी। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारी रात करीब दो बजे मौके पर पहुंचे थे। जिसके बाद जेसीबी की सहायता से गड्ढों को भरवाना शुरू कर दिया। एसपी (ग्रामीण) इराज राजा ने कहा है कि किसानों के खिलाफ आईपीसी की धारा 332 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

बताते चलें कि मंडोला विहार योजना के लिए मंडवाला समेत छह गांव की भूमि अधिग्रहण की गयी थी। किसानों का आरोप है कि उन्हें निम्न दर पर मुआवजा दिया गया है। उचित मुआवजे की मांग को लेकर मंडलो समेत छह गांव के किसान पिछले लगभग पांच साल से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि अधिकारियों की तरफ से उनकी मांग को सरकार तक नहीं पहुंचाया जा रहा है। किसानों ने आंदोलन को तेज करते हुए जिंदा समाधी लेने की बात कही थी इसके लिए उनकी तरफ से 15 गड्ढे बनाए गए थे। किसानों के नेता मनवीर तेवतिया के नेतृत्व में किसानों ने जिंदा समाधि लेना शुरू किया था। जिसके बाद प्रशासन ने बलपूर्वक किसानों को वहां से हटाया था।

इधर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को सलाह दी कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘‘प्रमोशन’’ कर उन्हें प्रधानमंत्री बना दिया जाए। साथ ही उन्होंने यह दावा किया कि भाजपा को उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में 140 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी।