हरियाणा के आंतरिक मामलों पर करोड़ों रुपए खर्च कर विज्ञापन जारी करने को लेकर दिल्ली सरकार विवादों में घिर गई है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने विज्ञापन की निंदा करते हुए कहा है कि यह केजरीवाल सरकार के अनैतिक कार्यों का प्रमाण है। लोगों के पैसे को इस तरह अन्य राज्यों की समस्याओं पर राजनीति करने के लिए खर्च करना केजरीवाल सरकार का अनैतिक कदम है और दिल्ली की जनता के साथ धोखा है।
गुरुवार को दिल्ली और अन्य राज्यों के अखबारों में हरियाणा की आंतरिक समस्या पर दिल्ली के मुख्यमंत्री का हरियाणा की जनता के नाम सार्वजनिक पत्र विज्ञापन के रूप में प्रकाशित हुआ है। उपाध्याय ने कहा कि हम लगातार कहते रहे हैं कि केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता के पैसे से अपने राजनीतिक विस्तार के प्रयास कर रही है और आज का यह विज्ञापन इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। अनैतिकता राजनीतिक आचरण के साथ-साथ ऐसे विज्ञापन केजरीवाल सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना भी है।
उपाध्याय ने कहा कि भाजपा इस मामले को राष्ट्रपति के सामने भी रखेगी और उनसे अनुरोध करेगी कि राजनीति से प्रेरित इस विज्ञापन पर का सारा खर्च मुख्यमंत्री केजरीवाल से निजी रूप में वसूला जाए। उन्होंने कहा कि इसी तरह का एक मामला 2010 राष्टÑमंडल खेलों से पहले भी सामने आया था जब चुनाव के बीच राष्टÑमंडल खेलों से जुड़ा एक विज्ञापन कांग्रेस सरकार को श्रेय देते हुए निकाला गया था। तब उस विज्ञापन को जारी करने वाले अधिकारियों के वेतन से उस पर आए खर्च को वसूल करने के आदेश दिए गए थे।
मंगोलपुरी आइटीआइ के निर्माण में 8 करोड़ रुपए बचाने के सरकार के दावे पर उपाध्याय ने कहा कि यह दावा आज खोखला नजर आ रहा है क्योंकि सोशल मीडिया से ऐसी जानकारी मिल रही है कि मंगोलपुरी आइटीआइ का भवन टेंडर 20 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुआ था और उसकी लागत 11,67,60,245 रुपए थी और इसे डेढ़ साल में पूरा होना था। यही जानकारी अब इंटरनेट पर भी उपलब्ध है। केजरीवाल सरकार अब दावा कर रही है कि ठेका 24 करोड़ रुपए में दिया गया था और सरकार ने 16 करोड़ रुपए में कार्य पूरा कर 8 करोड़ रुपए की बचत की है।