कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य एच विश्वनाथ ने बसवराज बोम्मई की सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि सूबे में दो समुदायों के बीच वैमनस्य लगातार बढ़ रहा है और सरकार मूक दर्शक की भूमिका में दिख रही है। ध्यान रहे कि विश्वनाथ उन चुनिंदा नेताओं में से एक हैं जिन्होंने कांग्रेस- जद(एस) सरकार को गिराकर युदियुरप्पा के सीएम बनने का रास्ता बनाया था।
उडुपी मंदिर परिसर से मुस्लिम दुकानदारों को हटाने के मामले में उन्होंने कहा कि ये बिलकुल गलत है। सरकार को बीजेपी चलवा रही है, बजरंग दल और आरएसएस नहीं। हालांकि, इस सवाल को वो टाल गए कि क्या बीजेपी की सरकार दक्षिण पंथी लोगों के सामने झुक गई है। उनका कहना था कि मुस्लिम लोग छोटा मोटा काम करके अपनी रोजी रोटी चला रहे थे। इन लोगों को मंदिर परिसर से बेदखल करना इन्हें भूखा मारने जैसा है।
बोम्मई पर कांग्रेस ने लगाया कमीशनखोरी का आरोप
कांग्रेस ने सोमवार को कर्नाटक की भाजपा सरकार के मंत्रियों पर ठेकेदारों से 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह भ्रष्टाचार के इस मामले में दखल दें और राज्य सरकार को बर्खास्त करें। विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले की अदालत की निगरानी में जांच होनी चाहिए। उसके आरोपों पर फिलहाल भाजपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि बोम्मई सरकार और उसके मंत्रियों के खिलाफ सरेआम भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इसके बावजूद, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, ईडी, सीबीआई और एसीबी मौन की मुद्रा में हैं। उन्होंने कहा कि शिकायत करने वाला भाजपा नेता है। क्या कर्नाटक में भाजपा का मतलब खाओ और खिलाओ है? उन्होंने कहा है कि कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री के. ईश्वरप्पा पर आरोप लगा है कि उनके साथियों ने एक ठेकेदार से कमीशन की मांग की।
उधर, कांग्रेस सांसद एल हनुमंतैया ने संसद के बाहर विजय चौक पर मीडिया से कहा कि कर्नाटक के कई ठेकेदारों के संगठन ने कहा है कि कर्नाटक सरकार के मंत्री सरकारी ठेकों में 40 प्रतिशत कमीशन मांग कर रहे हैं और इससे उन्हें बहुत मुश्किल का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री से चाहते हैं कि वह इस मामले में दखल दें और कर्नाटक सरकार को बर्खास्त किया जाए तथा जिन लोगों के खिलाफ आरोप लगे हैं उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाए।