यूपी के कानपुर में जुमे की नमाज के बाद और पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे के बीच हुई हिंसा में अब तक 36 गिरफ्तारियां और तीन एफआईआर हुई हैं। बवाल से पहले शहर में कुछ पोस्टर लगाए थे, जिनमें लोगों से दुकानें बंद कर एकजुट होने को कहा गया था।
“जेल भरो आंदोलन” से जुड़े ये पोस्टर लगवाने के पीछे जफर हयात को आरोपी माना जा रहा है। उसके पीएफआई से कनेक्शन होने का भी शक है। इस बीच, सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दिए हैं कि जो भी शहर में अमन-चैन खराब करे, उसके खिलाफ सख्ती से निपटा जाए। योगी ने जोर देकर कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सड़कों पर धार्मिक गतिविधियां न आयोजित हों।
यूपी पुलिस ने हिंसा और पथराव के एक दिन बाद शनिवार को 500 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए। हिंसा की घटनाओं में 40 लोग घायल हो गए थे। इस बीच, शहर के हिंसा प्रभावित इलाकों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई और फिलहाल शांति का माहौल है।
अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि 18 लोग गिरफ्तार किए गए हैं और कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा,‘‘ इलाकों में स्थिति शांतिपूर्ण है और हम चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं।’’ समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि अलग-अलग पुलिस टीमों ने रात भर में कम से कम 12 संदिग्धों को हिरासत में लिया है।
पुलिस ने शनिवार को कहा कि इन झड़पों में पुलिस कर्मियों सहित कम से कम 40 लोग घायल हो गए। जिन लोगों ने कथित तौर पर व्यापारियों को दुकानें बंद करने के लिए मजबूर किया, वे पुलिस कर्मियों से भी भिड़ गए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिसकर्मियों ने बल प्रयोग किया।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने चेतावनी दी है कि हिंसा में शामिल लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उनकी संपत्तियों को जब्त या ध्वस्त कर दिया जाएगा।
दरअसल, पुलिस के एक सीनियर अफसर ने शुक्रवार को बताया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रवक्ता नूपुर शर्मा की ओर से हाल ही में टीवी पर एक कार्यक्रम में चर्चा के दौरान कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के विरोध में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जब एक समुदाय के लोगों ने जबरन दुकानें बंद कराने का प्रयास किया तो परेड, नई सड़क और यतीमखाना इलाकों में जोरदार झड़पें हुईं।
दो समुदायों के लोगों की ओर से हिंसा के दौरान एक-दूसरे पर पथराव और बम फेंके गए थे। रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों पक्षों ने न सिर्फ एक-दूसरे पर बम फेंके, बल्कि गोलियां भी चलाईं। मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने शुक्रवार को टिप्पणियों के खिलाफ दुकानों को बंद कराने का आह्वान किया था। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने जुलूस भी निकाला और उस दौरान दूसरे समुदाय के कुछ लोगों से भिड़ गए, जिसके कारण संघर्ष हुआ।
BSP चीफ ने योगी सरकार को यूं घेराः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कानपुर में हुई हिंसा और पथराव की घटना को लेकर शनिवार को राज्य सरकार पर हमला बोला और ‘‘जाति,धर्म तथा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर’’ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
मायावती ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के राज्य के दौरे के वक्त कानपुर में दंगा व हिंसा भड़कना अति-दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण व चिन्ताजनक है और पुलिस खुफिया तंत्र की विफलता का संकेत है। सरकार को समझना होगा कि शान्ति व्यवस्था के अभाव में प्रदेश में निवेश व यहां का विकास कैसे संभव होगा?’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार इस घटना की धर्म, जाति व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर स्वतंत्र व निष्पक्ष तथा उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना आगे न होने पाए।’’