वक्फ संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है और अब यह कानून बनने की अंतिम प्रक्रिया में है। कई घंटों की बहस के बाद इस पर मुहर लगी, लेकिन विपक्ष अब इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है। कांग्रेस समेत कई दल और संगठन अदालत जाने की योजना बना रहे हैं, जबकि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

RJD नेता ने कहा- NRC पर भी यही किया था

राजद ने नीतीश कुमार पर दोहरे रवैये का आरोप लगाया है। पार्टी के अनुसार, वे एक तरफ इफ्तार पार्टियों के जरिए मुसलमानों को रिझाने की कोशिश करते हैं, वहीं दूसरी तरफ वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करके उनके साथ धोखा करते हैं। पार्टी नेता आरिफ जलानी ने इस विरोध को और धार देते हुए पटना में राबड़ी देवी के आवास के सामने एक पोस्टर लगाया, जिसमें नीतीश कुमार की दो तस्वीरें—एक में नमाजी टोपी और दूसरी में संघ की वर्दी पहने हुए—दिखाई गई हैं। पोस्टर में लिखा है- गिरगिट रंग बदलता था, ये तो उससे भी ज्यादा स्पीड से रंग बदलने वाले निकले। ईद में टोपी पहनकर टोपी पहनाने वाले वक्फ पर धोखा दिया। एनआरसी पर भी वही किया। अब जनता चुनाव में सबक सिखाएगी।

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विधेयक के लोकसभा में पारित होने के बाद राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी कथित धर्मनिरपेक्षता का नकाब उतर चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि जदयू और अन्य सहयोगी दल अब भाजपा के मात्र प्रकोष्ठ बनकर रह गए हैं और कभी भी उसमें विलय कर सकते हैं। तिवारी ने दावा किया कि जदयू में असंतोष बढ़ रहा है और पार्टी में भगदड़ मच सकती है।

नीतीश कुमार की अपनी पार्टी जदयू में भी इस विधेयक को लेकर असंतोष पनप रहा है। पूर्वी चंपारण में जदयू के चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष होने का दावा करने वाले मोहम्मद कासिम अंसारी ने पार्टी के इस फैसले की आलोचना करते हुए सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि जदयू के इस रुख ने लाखों भारतीय मुसलमानों का भरोसा तोड़ा है।

हालांकि, जदयू ने इस विरोध को महत्वहीन बताते हुए कहा कि मोहम्मद कासिम अंसारी पार्टी के पदाधिकारी नहीं हैं। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि पार्टी धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर कायम है और विपक्ष केवल राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को तूल दे रहा है। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि विपक्ष सुप्रीम कोर्ट में क्या रणनीति अपनाता है।