दिल्ली सरकार की सम-विषम योजना दूसरा दौर उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को उम्मीद थी कि इस बार भी उसे पहले की तरह ही वाहवाही मिलेगी। लेकिन इस बार उलटा हो रहा है। दिल्ली सरकार को इस बार वाहवाही से ज्यादा आम लोगों और विरोधी दलों के सवालों से जूझना पड़ रहा है। इस बार तो दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने भी मान लिया है कि सम-विषम फेज-2 से सड़कों पर जाम कम नहीं हुआ है। इसके कारणों की तह तक जाने के लिए एक सरकारी कमेटी भी बना दी गई है। हालांकि सरकार ने अब तक राजधानी में वायु प्रदूषण के कारणों तक पहुंचने के लिए कोई बड़ी पहल नहीं की है। इस मामले में अब तक सरकार की कवायद सिर्फ प्रचार पाने तक ही दिखी है।

दिल्ली सरकार लगातार घोषणाएं कर रही है कि अगर यह योजना सफल रहती है, तो वह उसे हर महीने लागू कर सकती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सम-विषम का दूसरा चरण शुरू करने की घोषणा करीब दो महीने पहले ही कर दी थी। इससे परिवहन व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए उसे दो महीने का वक्त मिल गया, लेकिन इस दौरान सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे दिल्लीवासियों का सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में भरोसा पैदा होता। केजरीवाल सरकार को इस योजना को लागू करने से पहले राजधानी की परिवहन व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए था, जिससे दिल्लीवासी भी मन से इस सरकारी योजना से जुड़ते।

इस बार सम-विषम शुरू होने के नौ दिन बाद भी न तो सड़कों पर जाम कम हो रहा है और न ही प्रदूषण। सम-विषम योजना राजधानी के लगातार बिगड़ रहे पर्यावरण को दुरुस्त करने के लिए ही शुरू की गई थी। सम-विषम के दौरान दिल्ली में वायु प्रदूषण कितना कम हुआ है, इसकी जानकारी देने के लिए अब कोई भी तैयार नहीं है, जबकि केजरीवाल सरकार ने इस योजना के शुरू होने के बाद वायु प्रदूषण को मापने के लिए काफी तैयारियां की थीं। सरकार ने घोषणा की थी कि दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण निगरानी उपकरण लगाया जाएगा। पर्यावरण विभाग की ओर से भी छह स्थानों पर हवा की गुणवत्ता की निगरानी के लिए उपकरण लगाए जाएंगे। 119 स्थानों पर विशेष रूप से पीएम 2.5 और पीएम 10 की माप की जाएगी।

74 स्थानों पर लाइट स्केटरिंग टेक्नोलॉजी की मदद से वायु प्रदूषण मापा जाएगा। दिल्ली की सीमाओं से भी वायु प्रदूषण के नमूने लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके घोषणा की थी कि सरकार हर 48 घंटे के बाद वायु प्रदूषण की रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी। दिल्ली में सम-विषम योजना का रविवार को दसवां दिन था। इन दस दिनों में केजरीवाल सरकार ने सिर्फ दो बार वायु प्रदूषण की रिपोर्ट जारी की है। इस बारे में दिल्ली के परिवहन मंत्री से पूछा जा रहा है, तो वे कोई सीधा जवाब देने के बजाए सिर्फ इतना कह रहे हैं कि वायु प्रदूषण की अलग-अलग रिपोर्टें आ रही हैं। साथ ही वे यह भी दावा कर रहें हैं कि वायु प्रदूषण में कुछ कमी आई है।
सम-विषम से इस बार दिल्ली में जाम की समस्या कितनी कम हुई, इस बारे में तो परिवहन मंत्री गोपाल राय ने भी स्वीकार कर लिया कि सड़कों पर यातायात कम नहीं हुआ है। असलियत यह है कि सम-विषम योजना को दोबारा लागू करने की सरकार की घोषणा के बाद से ही दिल्लीवासियों ने अपने विकल्प तलाशने शुरू कर दिए थे। किसी ने अपनी पेट्रोल वाली गाड़ी को सीएनजी में बदलवा लिया, किसी ने अपनी एक सम नंबर की एक गाड़ी बेचकर विषम नंबर की गाड़ी खरीद ली, तो किसी ने घर में धूल खा रहे दोपहिया वाहन की मरम्मत करवाकर उसे चलने लायक बना लिया। 15 अप्रैल को जब सम-विषम योजना दोबारा शुरू हुई, तो सरक ार से ज्यादा दिल्लीवासियों ने इससे बचने के विकल्प तलाश लिए थे, जिससे सड़कों पर इस बार सम-विषम का ज्यादा असर नहीं दिखाई दिया। अब तो हारकर केजरीवाल सरकार ने भी घोषणा कर दी है कि जब तक राजधानी की परिवहन व्यवस्था दुरुस्त नहीं होगी, तब तक नियमित रूप से सम-विषम को लागू नहीं किया जाएगा।