प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान आज जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सभी पक्षों से बातचीत सहित ‘तीन आयामी कार्ययोजना’ पेश की ताकि अशांति का सामना कर रही घाटी में स्थायी शांति बहाल हो सके। कश्मीर में हिंसा में अब तक 68 लोगों की मौत हो चुकी है। आठ जुलाई को अशांति शुरू होने के बाद मोदी के साथ महबूबा की पहली मुलाकात एक घंटे चली। मुलाकात के बाद महबूबा ने कहा कि प्रधानमंत्री स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं और उन्होंने वहां जारी इस ‘रक्तपात’ को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा है ताकि घाटी में शांति बहाल हो सके। महबूबा ने संकट के हल के लिए प्रदर्शनकारियों से मदद की अपील की और कहा, ‘अपनी चिंताओं और आकांक्षाओं के हल के लिए कृपया मुझे एक मौका दें।’ आठ जुलाई को घाटी में शुरू हुई हिंसा के बाद से मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री के साथ यह पहली मुलाकात थी। महबूबा ने पाकिस्तान पर सीधा हमला करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित करने की साहसिक पहल की और बाद में लाहौर गए। लेकिन बदकिस्मती से इसके बाद पठानकोट में आतंकी हमला हुआ। उन्होंने कहा- बाद में जब स्थिति खराब थी और पाकिस्तान कश्मीर में जारी संकट को हवा दे रहा था तब हमारे गृह मंत्री राजनाथ सिंह लाहौर गए, लेकिन एक बार फिर बदकिस्मती से पाकिस्तान ने वह स्वर्णिम अवसर हाथ से जाने दिया और वह शिष्टाचार नहीं दिखाया जो एक मेहमान के प्रति दिखाया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान उन लोगों का समर्थन बंद करना चाहिए जो घाटी में युवाओं को पुलिस स्टेशनों या सेना के शिविरों पर हमले के लिए भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हम सभी की तरह जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। यह हर किसी के लिए चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि यह रक्तपात रुके ताकि राज्य मौजूदा संकट से बाहर आए। बाद में राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि कश्मीर समस्या के हल के लिए महबूबा ने प्रधानमंत्री के समक्ष ‘त्रिआयामी कार्ययोजना’ को रेखांकित किया जिनमें मौजूदा भूराजनीतिक वास्तविकताओं के आलोक में समस्या का हल निकालने के लिए बातचीत में अलगाववादियों और पाकिस्तान को शामिल करना शामिल है। बयान में हालांकि कोई ब्योरा नहीं दिया गया है लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि योजना में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगले हफ्ते यात्रा सुगम बनाना, नए राज्यपाल की नियुक्ति और राज्य में सभी पक्षों के साथ बातचीत के लिए एक वार्ताकार की नियुक्ति शामिल है। राज्य में शांति और स्थिरता के लिए जमीन पर विश्वसनीय और सार्थक राजनीतिक पहल शुरू करने की जरूरत पर जोर देते हुए महबूबा ने 2002 और 2005 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी नीत तत्कालीन राजग सरकार की ओर से शुरू की गई सुलह व संकल्प प्रक्रिया बहाल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘कृपया उन लोगों का एक समूह गठित करें जिन पर कश्मीर के लोगों को भरोसा हो कि वे जो भी कहेंगे वह दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों तक पहुंचेगी।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वास बहाली के लिए उस समय की गई पहलों से राज्य और क्षेत्र में स्थिति बदलने में मदद मिली थी। उन्होंने कहा कि 2005 में हमने चीजें जहां छोड़ी थी, हमें वहीं से पहल करनी होगी और नए संकल्प के साथ उस प्रक्रिया को बहाल करना होगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर के संबंध में वैसी साहसिक राजनीतिक पहल के लिए मौजूदा प्रधानमंत्री के पास जनादेश है, जैसी वाजपेयी ने की थी। महबूबा ने पीडीपी-भाजपा गठबंधन के वाजपेयी की कश्मीर नीति पर आधारित होने और उसे आगे बढ़ाने की बात कहते हुए याद किया कि उनके पिता व पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे का हल हो सकता है, इसका हल केवल वह प्रधानमंत्री कर सकता है जिसके पास दो तिहाई बहुमत हो। उन्होंने कहा- अगर उनके (मोदी के) कार्यकाल में ऐसा नहीं हुआ तो फिर यह कभी नहीं होगा। मेरा मानना है कि वहां (पाकिस्तान) जाने का साहसी कदम उठाने वाले मोदी आज फिर कहेंगे कि हमें अपने खुद के लोगों से बात करनी चाहिए क्योंकि लोग मारे जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा- मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री यूपीए के उलट कश्मीर मुद्दे का एक स्थायी हल तलाशना नहीं भूलेंगे। महबूबा ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ जिस शांतिपूर्ण हल को लेकर चर्चा की, उससे सुनिश्चित होगा कि राज्य के लोग सम्मान से और शांतिपूर्वक अपना जीवन जिएं। उन्होंने कहा कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर जाएगा और राज्य के लोगों से संपर्क करने की कोशिश करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा- इसी तरह मैं पाकिस्तान से कहूंगी कि अगर उन्हें कश्मीर के लोगों की थोड़ी भी चिंता है, तो वे उन लोगों की सहायता करना बंद कर दें जो घाटी के युवाओं को भड़का रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान को यह भी सलाह दी कि वह अपने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की नीति का अनुसरण करें जिनकी राय थी कि कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के लिए मौजूदा दुनिया में कोई जगह नहीं है। महबूबा ने हुर्रियत से बातचीत के बारे में पूछे जाने पर कहा कि जो बातचीत करना चाहें, उन सभी के साथ बातचीत होनी चाहिए। लेकिन शिविरों और पुलिस थानों पर हमला करने के लिए लोगों को भड़काने वालों की बातचीत में दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने अलगाववादियों के नेताओं से भी आगे आने और राज्य में हिंसा के इस चक्र को तोड़ने में अपनी सरकार की मदद करने की अपील की।
पाक को नसीहत
पाकिस्तान को कश्मीर के लोगों की थोड़ी भी चिंता है, तो वे उन लोगों की सहायता करना बंद कर दें जो घाटी के युवाओं को भड़का रहे हैं। पाकिस्तान को अपने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की नीति का अनुसरण करना चाहिए जिनकी राय थी कि कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के लिए मौजूदा दुनिया में कोई जगह नहीं है।
त्रिआयामी कार्ययोजना की पेशकश
प्रधानमंत्री से मुलाकात में महबूबा ने एक ‘त्रिआयामी कार्ययोजना’ को रेखांकित किया जिनमें मौजूदा भूराजनीतिक वास्तविकताओं के आलोक में समस्या का हल निकालने के लिए बातचीत में अलगाववादियों और पाकिस्तान को शामिल करना शामिल है। कोई ब्योरा नहीं दिया गया है लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि योजना में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगले हफ्ते यात्रा सुगम बनाना, नए राज्यपाल की नियुक्ति और राज्य में सभी पक्षों के साथ बातचीत के लिए एक वार्ताकार की नियुक्ति शामिल है।
अमन का पैगाम
मुलाकात के बाद महबूबा ने कहा कि प्रधानमंत्री स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं और उन्होंने वहां जारी इस ‘रक्तपात’ को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा है ताकि घाटी में शांति बहाल हो सके। महबूबा ने संकट के हल के लिए प्रदर्शनकारियों से मदद की अपील की और कहा, ‘अपनी चिंताओं और आकांक्षाओं के हल के लिए कृपया मुझे एक मौका दें।’ उन्होंने अलगाववादी नेताओं से भी आगे आने और राज्य में हिंसा के इस चक्र को तोड़ने में अपनी सरकार की मदद करने की अपील की।
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में शनिवार को संदिग्ध आतंकवादियों ने एक पुलिसकर्मी को गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि अज्ञात बंदूकधारियों ने कांस्टेबल खुर्शीद अहमद गनई को सुबह पुलवामा के कोइल में उसके आवास के बाहर गोली मार दी। उन्होंने बताया कि गनई गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया।