जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में शुक्रवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकवादी मार गिराए गए और सेना के जवान काशी शहीद हो गए। मारे जाने वालों में आतंकियों का एक मददगार भी शामिल था। खबर लिखे जाने तक घटनास्थल पर तलाशी अभियान जारी था। इस अभियान को पुलिस, सीआरपीएफ और सेना की 44-राष्ट्रीय राइफल्स की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया।
कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार के मुताबिक, पुलवामा के हाजिन राजपोरा इलाके में यह मुठभेड़ हुई है। खबर लिखे जाने तक लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। इन आतंकियों में एक पाकिस्तानी भी है। आइजी के मुताबिक, मुठभेड़ स्थल पर मौजूद सभी आतंकवादी मारे जा चुके हैं। तलाशी अभियान पूरा होने के बाद आतंकियों की शिनाख्त की प्रकिया शुरू की जाएगी। इन मौतों के साथ ही इस साल सुरक्षाबलों के हाथों 66 आतंकी मारे जा चुके हैं।
सैन्य प्रवक्ता के मुताबिक, इस मुठभेड़ में सेना की 44-राष्ट्रीय राइफल्स के जवान काशी शहीद हुए हैं। आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने पुलवामा जिले के राजपुरा के हाजिन गांव में घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया था। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के सुरक्षा बल पर गोलियां चलाने से अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया। सुरक्षा बल ने भी गोलीबारी का माकूल जवाब दिया।
शुरुआती गोलीबारी में सेना का एक जवान घायल हो गया था, जिनकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। मौके पर अतिरिक्त बल भेजा गया और मुठभेड़ में पांच आतंकवादी मारे गए। पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों का संबंध लश्कर-ए-तैयबा से था और इनमें से एक निशाज लोन उर्फ खिताब संगठन का जिला कमांडर था। उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकवादियों में से एक पाकिस्तानी था लेकिन उसकी अभी पहचान नहीं हो पाई है। कुमार ने बताया कि सुरक्षा बलों के लिए यह अभियान एक ‘बड़ी सफलता’ है।
जम्मू के अरनिया में ड्रोन हमला नाकाम
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारतीय क्षेत्र में घुसने का प्रयास कर रहे एक संदिग्ध पाकिस्तानी निगरानी ड्रोन पर शुक्रवार को गोलीबारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीएसएफ के सतर्क जवानों ने तड़के चार बजकर 25 मिनट पर जम्मू के बाहरी क्षेत्र में स्थित अरनिया सेक्टर में संदिग्ध ड्रोन को देखा। इसे गिराने के लिए सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने आधा दर्जन गोलियां चलाई जिसके बाद ड्रोन पाकिस्तान की ओर लौट गया।
बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया, ‘बल के चौकन्ना जवानों ने शुक्रवार को अरनिया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने का प्रयास कर रहे पाकिस्तान के एक छोटे ड्रोन पर गोलीबारी की। गोलीबारी की वजह से ड्रोन तुरंत ही लौट गया।’ उन्होंने बताया कि ड्रोन इलाके की निगरानी करने के लिए आया था।
रविवार को जम्मू स्थित भारतीय वायुसेना के स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। तब जम्मू हवाई अड्डा परिसर में स्थित वायुसेना स्टेशन पर विस्फोटकों से लदे ड्रोन गिराए गए थे। अधिकारियों का कहना था कि ऐसा पहली बार हुआ है कि पाकिस्तान के संदिग्ध आतंकवादियों ने हमले में मानवरहित यान का इस्तेमाल किया है। इसके बाद सोमवार, मंगलवार और बुधवार को भी जम्मू के विभिन्न इलाकों में रात के वक्त महत्त्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों के ऊपर ड्रोन उड़ते नजर आए थे।

