जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राज्य की पूर्व मुख्मंत्री महबूबा मुफ्ती को रिहा कर दिया है। महबूबा पिछले 15 महीने से नजरबंद थी। केंद्र सरकार की तरफ से अनुच्छेद 370 हटाने की घोषणा से पहले ही उन्हें नजरबंद कर दिया गया था। जम्मू कश्मीर प्रशासन की तरफ से उनको रिहा करने का आदेश दिया गया। उनकी रिहाई के आदेश जम्मू-कश्मीर सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए।
महबूबा की रिहाई पर उनकी बेटी इल्तिजा ने अपनी मां के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इल्तिजा ने लिखा जैसा कि महबूबा मुफ्ती की गैरकानूनी हिरासत खत्म हो चुकी है। इसके लिए मैं उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहूंगी जिन्होंने मुश्किल समय में मुझे सहयोग दिया। मैं आप सभी की आभारी रहूंगी। महबूबा मुफ्ती की रिहाई के आदेश पर राज्य के नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें निरंतर हिरासत में रखा जाना लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ था।
As Ms Mufti’s illegal detention finally comes to an end, Id like to thank everybody who supported me in these tough times. I owe a debt of gratitude to you all. This is Iltija signing off. فی امان اﷲ May allah protect you
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 13, 2020
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की थी। पूर्व सीएम की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत अपनी मां को बंदी बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका में संशोधन के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा था कि पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत अधिकतम कितनी हिरासत हो सकती है? महबूबा को कितने समय तक हिरासत में रखा जाएगा? अदालत का कहना था कि नजरबंदी हमेशा के लिए नहीं हो सकती है। मालूम हो कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारूक अब्दुल्ला को पहले ही रिहा हो चुके हैं। महबूबा मुफ्ती को उनके घर पर हिरासत में लिया गया था, जिसे सरकार द्वारा “सहायक जेल” घोषित किया गया था।