अयोध्या के तपश्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस दास ने कहा है कि उनके कार्यकर्ताओं ने जिहादी मानसिकता वाली देशभर के करीब दो लाख मस्जिदों और मदरसों को चिन्हित किया है, जहां जिहाद और आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही है। परमहंस राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल और महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश की हत्या के बाद अजमेर दरगाह के मौलानाओं के भड़काऊ बयान को लेकर प्रयागराज में मीडिया से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि हत्याओं के लिए यही मस्जिद और मदरसे के लोग जिम्मेदार हैं। यहीं जिहाद और आतंकवाद की ट्रेनिंग दी जाती है। “यहां जो मुल्ला रह रहे हैं और चार बीवी चालीस बच्चे पैदा कर रहे हैं, और उनको मदरसों में सिर्फ जिहाद और आतंकवाद की ट्रेनिंग दे रहे हैं। और इनको यह सिखाया जाता है कि जितनी बेरहमी से हिंदुओं की हत्या करोगे, उतने ही तुमको 72 हूरें और शराब की नदी बहती मिलेगी। वहीं पीना।”

ये सभी जिहादियों और आतंकवादियों को बता रहा हूं, जो भी मदरसा छाप हैं। जिस दिन ये नमाज पढ़ने जाएंगे, तब हम लोगों ने चिह्नित कर लिया है कि ये जिहादी मानसिकता के कितने मुसलमान हैं। उनको हम लोग शुक्रवार को एक ही दिन में जन्नत की सैर करा देंगे।” परमहंस ने कहा कि हमारे लोग इनकी हर गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।

उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि अगर जिहादी मानसिकता वाले लोग अपनी सोच नहीं बदले तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। कहा कि अब हिंदू जाग गया है और ऐसे सभी लोगों को सही रास्ते पर पहुंचाने के काम में जुट गया है।

उन्होंने कहा कि देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ था। बंगलादेश और पाकिस्तान में अब कुछ ही हिंदू बचे हैं, जो हैं भी उन्हें हर दिन प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में जो भी जिहादी जिहादी हिंदुओ का कत्लेआम करके बहत्तर हूरों के पास जाने का सपना देख रहे हैं, उनके लिए हमने रोडमैप तैयार कर लिया है।  

इससे पहले पिछली मई में वे ताजमहल के अंदर जाने के लिए अड़े थे, हालांकि पुलिस ने उन्हें वहां जाने की इजाजत नहीं दी। परमहंस दास ताज महल को ‘तेजो महालय’ बता रहे थे और वे आगरा जाने की जिद पर अड़े हुए थे। आगरा पुलिस उन्हें अयोध्या छोड़ गई।