जावेद अख्तर के तालिबान से आरएसएस की तुलना करने पर विवाद छिड़ा हुआ है। बीजेपी इसके लिए माफी की मांग कर रही है। बीजेपी को इस मुद्दे पर उसके अपने पूर्व सहयोगी शिवसेना का भी साथ मिलता दिखाई दे रहा है।
आजतक के एक डिबेट में शिवसेना प्रवक्ता आनंद दुबे ने इसी मुद्दे पर बात रखते हुए कहा कि जावेद अख्तर को कम से कम इस बात पर दस बार सोचना चाहिए था। वो बहुत अनुभवी व्यक्ति हैं। उन्होंने कई बार देश हित में बोला है। लेकिन इस बार उन्हें सोचना चाहिए था। अगर वो आरएसएस की तुलना तालिबान से कर रहे हैं तो उनका मापदंड क्या है, हर देश को अपना धर्म अपनाने और बातें करने का हक है। हम हिन्दू राष्ट्र हैं।
एंकर चित्रा त्रिपाठी ने जब हिन्दू राष्ट्र पर टोका तो आनंद दुबे ने इसे फिर से दोहराते हुए कहा- बिलकुल हिन्दू राष्ट्र हैं। हमें गौरव है। ये चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक और राजा भरत का राष्ट्र है। शिवसेना हमेशा से इस स्टैंड के साथ रहती है।
शिवसेना प्रवक्ता के बयान पर एंकर ने तुरंत कांग्रेस के प्रवक्ता को जोड़ने के लिए कहा। कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे ने कहा कि जावेद अख्तर के बयान से तो वो भी सहमत नहींं है। लेकिन ये कट्टर समर्थक है तालिबान के और ये समर्थन लिखकर व्यक्त करती है मोदी सरकार।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार ने फरवरी में कहा था कि तालिबान के आ जाने से अफगानिस्तान में शांति के सुअवसर पैदा होंगे। हिन्दू राष्ट्र के सवाल पर उन्होंने कहा कि आरएसएस हिन्दू धर्म ही नहीं मानता है। मोदी सरकार ने पूरा समर्थन दिया है तालिबान को। हालांकि कांग्रेस के प्रवक्ता शिवसेना के हिन्दूराष्ट्र पर बोलने से बचते ही दिखाई दिए।
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बता दें कि जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि बेशक तालिबन कट्टर है और उसकी निंदा होनी चाहिए, लेकिन इसके साथ ही जो आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल का समर्थन करते हैं, वह भी तो वही काम करते हैं। कुछ संगठन व लोग ऐसे हैं, जिनकी विचारधारा 1930 के नाजियों की विचारधारा जैसी ही है। हथियारों के साथ तालिबान अधिक सशक्त लग रहा है, लेकिन दृष्टिकोण और विचारधारा तो एक-दूसरे का प्रतिबिंब ही दर्शाती है।
जावेद अख्तर के इस बयान का बीजेपी तो विरोध कर ही रही थी। अब शिवसेना भी जावेद अख्तर के इस बयान को गलत बता रही है।