Congress President Election: कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। इसी बीच कांग्रेस नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार (22 अगस्त, 2022) को पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी का समर्थन किया और कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो देश भर के पार्टी कार्यकर्ता निराश होंगे।
जयपुर में एक सम्मेलन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘अगर राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष नहीं बनते हैं, तो यह देश भर के कांग्रेसियों के लिए निराशा होगी।’
राहुल गांधी समझें कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाएं: अशोक गहलोत
अशोक गहलोत की यह प्रतिक्रिया 20 सितंबर को होने वाले कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले आई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस बात पर भी जोर दिया कि राहुल गांधी को पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘उन्हें (राहुल गांधी) कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं को समझना चाहिए और इस पद को स्वीकार करना चाहिए।’
अशोक गहलोत ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था, जब एआईसीसी में 250 नेता बैठे थे। 6 ग्रुप बने थे। एक के बाद एक सब से बात हुई। उसमें सभी प्रदेशों के अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री रह चुके नेता एआईसीसी के महासचिव शामिल रहे थे। सभी से वन टू वन बात हुई। उन सब ने कहा था कि राहुल गांधी को वापस पार्टी का अध्यक्ष बनना चाहिए।
कांग्रेस के लिए चुनौती बना अध्यक्ष पद का चुनाव
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी नेता राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की अनिच्छा से अध्यक्ष पद का चुनाव अब कांग्रेस के लिए एक चुनौती बन गया है। कांग्रेस पार्टी ने 20 अगस्त तक आंतरिक चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली है। पार्टी ने घोषणा की थी कि अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच होगा, लेकिन कई कोशिशों के बावजूद राहुल गांधी ने अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है।
सूत्रों के मुताबिक चुनाव प्रक्रिया को समय पर पूरा करने के लिए केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने पूरी तैयारी कर ली है। प्राधिकरण का अध्यक्ष कांग्रेस कार्य समिति की बैठक की प्रतीक्षा कर रहा है, जो अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा और फिर प्राधिकरण उसे सूचित करेगा।
सूत्रों ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रक्रिया रुकी हुई है, क्योंकि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हैं, हालांकि उन्हें मनाने के सभी कोशिशें अभी जारी हैं।
दरअसल, राहुल गांधी एक गैर गांधी को अध्यक्ष पद देने पर अड़े हुए हैं और इसी वजह से वह बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को नामांकन दाखिल करने से रोक रहे हैं।
