Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: राष्ट्रीय जनता दल के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने रविवार को वादा किया कि अगर महागठबंधन सत्ता में आता है तो बिहार में वक्फ एक्ट को रद्द कर दिया जाएगा। सीमांचल की चार विधानसभा सीटों में प्रचार करते हुए तेजस्वी ने कहा कि यह चुनाव संविधान और बहुलवाद को बचाने की लड़ाई है।
उन्होंने कई रैलियों में कहा, “अगर हमारी सरकार बनी, तो हम वक्फ को कूड़ेदान में फेंक देंगे।” किशनगंज में उन्होंने कहा, “यह देश सबका है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सभी ने बलिदान दिया है। संविधान सभी को समान अधिकार देता है।”
संसद ने अप्रैल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम पारित किया था। सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने जिला कलेक्टरों को वक्फ संपत्तियों पर व्यापक अधिकार देने और वक्फ बनाने के लिए पांच साल तक इस्लाम का पालन करने की अनिवार्यता वाले प्रावधानों पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी। कोर्ट ने केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों की संख्या भी सीमित कर दी थी।
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर बोला हमला
तेजस्वी यादन ने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के लिए जगह बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “आरजेडी एक ऐसी पार्टी है जिसने अपनी विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया। लालू जी ने कभी सांप्रदायिक ताकतों से समझौता नहीं किया।” उन्होंने आगे कहा, “आज हमारे चाचा नीतीश कुमार पाला बदलकर बीजेपी में चले गए हैं। अगर बिहार में बीजेपी के लिए किसी ने जगह बनाई है, तो वो नीतीश कुमार हैं। अगर बिहार में आरएसएस को किसी ने जमीन पर उतारा है, तो वो नीतीश कुमार हैं।”
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उन्होंने कहा, “जब हमारी सरकार थी आरएसएस की हिम्मत नहीं थी कि वो यहां आकर दंगे भड़काए। हम कभी झुके नहीं।” यादव ने राज्य प्रशासन पर सीमांचल में भ्रष्टाचार और उपेक्षा का आरोप लगाया और इसे देश का सबसे गरीब क्षेत्र कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस थानों और ब्लॉक कार्यालयों में भ्रष्टाचार ने सार्वजनिक सेवाओं को रिश्वतखोरी का बंधक बना दिया है। उन्होंने कहा, “बिना रिश्वत दिए कुछ नहीं होता, भ्रष्टाचार से लोग बर्बाद हो रहे हैं।”
अमित शाह ने मुझे धमकी दी थी- तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर केंद्रीय एजेंसियों के जरिये धमकाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “अमित शाह ने पटना में मुझे धमकी दी थी कि तेजस्वी को सबक सिखाओ ताकि उन्हें अगला चुनाव लड़ने के बारे में सोचना पड़े।” उन्होंने लालू प्रसाद के कार्यकाल के दौरान बिहार में लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा, “जब लालू जी को उनके आकाओं से डर नहीं लगा तो क्या उनके बेटे को डर लगेगा।”
उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री के रूप में अपने 17 महीने के कार्यकाल के दौरान उन्होंने कहा कि चार लाख संविदा टीचरों को नियमित किया और बिहार के हर घर के लिए एक सरकारी नौकरी के अपने वादे को दोहराया। महागठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार पेंशन बढ़ाकर और 125 यूनिट फ्री बिजली देकर उनकी योजनाओं की नकल कर रही है। उन्होंने कहा, “पिछले 20 सालों में उन्हें 10000 देने की परवाह नहीं थी।” उन्होंने कहा, “तय करें, आपको परिवार में एक सरकारी नौकरी चाहिए या रिश्वत के तौर पर 10000।”
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