तीन दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद को लेकर कड़े तेवर दिखाए हैं। उन्होंने कहा कि इसे लेकर एक जोरदार हमले की जरूरत है। उधर पीडीपी प्रमुख ने शाह के इस दौरे को लेकर तंज कसा है।
कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म होने के बाद अमित शाह अपने पहले दौरे पर शनिवार को जम्मू-कश्मीर पहुचें। इस दौरान शाह, एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा बैठक में शामिल हुए। इस मीटिंग में सुरक्षा से जुडे़ कई अधिकारी शामिल हुए थे। ये बैठक करीब चार घंटे तक चली। मीटिंग में गृहमंत्री ने सुरक्षाबलों से आतंकवादियों को खत्म करने के लिए कहा।
श्रीनगर में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शनिवार को हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में आतंकवादियों के साथ लंबे समय तक मुठभेड़, कट्टरपंथ का बढ़ता खतरा, नागरिकों की हत्या और सीमा पार घुसपैठ में वृद्धि को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान शाह ने स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद को लेकर सारी एजेंसियां एक साथ मिलकर काम करे और आतंकियों के खिलाफ अंतिम लड़ाई लड़े। शाह ने अपने इस दौरे के दौरान कई विकास कार्यों का भी शिलान्यास किया है।
Today, I came to Jammu and Kashmir after around 2.15 years. It is a very happy moment for me as after the security review meeting, I'm having an event with the youngsters of Youth Club: Union Home Minister Amit Shah while addressing members of Jammu & Kashmir Youth club pic.twitter.com/b3TcKNrTj2
— ANI (@ANI) October 23, 2021
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र का नैरेटिव यह कहता है कि जम्मू-कश्मीर सभी के लिए सुरक्षित है… लेकिन ये हत्याएं साबित करती हैं कि अल्पसंख्यक और बाहरी लोग सुरक्षित नहीं हैं। यह सरकार के लिए एक बड़ी चिंता है… इसलिए इस मीटिंग के दौरान लोगों को आश्वस्त करने की रणनीति पर चर्चा की गई।
उधर उनके इस दौरे को लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने तंज कसा है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हालात को सामान्य दिखाने का नाटक चल रहा है। वास्तविक स्थिति इससे काफी अलग है। शाह के दौरे से पहले सात सौ लोगों को हिरासत में लिया गया है। शाह के विकास कार्यों के शिलान्यास पर भी निशाना साधते हुए महबूबा ने कहा कि इनमें आधे से ज्यादा काम कांग्रेस सरकार के समय के हैं। उन्होंने कहा कि धारा 370 के हटने से जम्मू-कश्मीर में परेशानियां बढ़ी है।
शाह के इस दौरे को लेकर कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। गृह मंत्री की सुरक्षा के लिए शार्प शूटर, स्नाइपर और ड्रोन तक को तैनात किया गया है। शाह का ये दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि हाल के लिए दिनों में यहां आतंकी हमलों में वृद्धि देखी गई है। आतंकी, गैर कश्मीरी और अल्पसंख्यकों को टारगेट किलिंग के तहत निशाना बना रहे हैं। कई स्थानीय युवकों के भी आतंकी कैंपों में जाने की खबर है।
सरकारी आंकड़े कहते हैं कि इस साल अब तक 32 नागरिक मारे गए हैं। पिछले पूरे साल में 41 मारे गए थे। इसके अलावा, इस वर्ष के पहले नौ महीनों में, आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ों के 63 मामले सामने आए हैं। सरकारी आंकड़े के अनुसार 97 स्थानीय युवा आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए अपना घर छोड़ गए थे। इनमें से 56 को खत्म कर दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि इस साल विभिन्न संगठनों से जुड़े 114 आतंकवादी मारे गए, लेकिन नियंत्रण रेखा के पास लगातार घुसपैठ के कारण घाटी में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। संघर्ष विराम उल्लंघन की अगर हम बात करें तो अक्टूबर तक 93 मामलों की सूचना मिली है।