मध्य प्रदेश में बिजली संकट से लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। गांवों में तो आलम यह है कि 15-16 घंटे तक सप्लाई ठप रहती है। रबी का सीजन आने से पहले बिजली की भीषण कटौती से किसानों में भी बेचैनी है। सीजन के दौरान अक्टूबर में राज्य में 16-17 हजार मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ती है, लेकिन जो हालात दिख रहे हैं, उससे नहीं लगता है कि इतनी जल्दी व्यवस्था ठीक हो पाएगा। दूसरी तरफ इसको लेकर विपक्ष खास तौर पर कांग्रेस शिवराज सरकार पर जबर्दस्त हमला करने के मूड में है।
हालांकि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र कह रहे हैं कि संकट थोड़े दिनों का है और इसे 4-5 दिन में दुरुस्त कर दिया जाएगा, लेकिन कांग्रेस पार्टी इस पर चुप नहीं बैठने के बजाए बड़े आंदोलन की तैयारी में जुट गई है। इससे पहले टीकमगढ़ से सत्ताधारी भाजपा विधायक राकेश गिरी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर सरकार की परेशानी और बढ़ा दी है। उन्होंने पत्र में लिखा कि हर रोज 12 से 15 घंटे बिजली बंद होने से किसान परेशान हैं। किसान फसल की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं।
इसी मुद्दे को लेकर पार्टी के एक अन्य विधायक नारायण त्रिपाठी भी ऊर्जा मंत्री को घेर चुके हैं। आरोप लगाया था कि अधिकारी गलत सूचनाएं दे रहे हैं। इससे भाजपा को बड़ा नुकसान होगा। समूचे विंध्य क्षेत्र में बिजली कटौती से हाहाकार मचा है। किसान, व्यापारी, आम आदमी को बिजली नहीं मिल रही है। उनकी सलाह थी कि मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री स्वयं मामले को देखें। उन्होंने एक कदम और बढ़कर चेतावनी भी दे दी कि वे 4 सितंबर को इस मुद्दे को लेकर विंध्य क्षेत्र में आंदोलन करेंगे। इससे सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
सरकार की ओर से गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बिजली संकट की वजह बारिश का कम होना है। इससे बांधों में पर्याप्त पानी मौजूद नहीं है। साथ ही कोयले की कमी और प्लांट में तकनीकी दिक्कत के कारण बिजली का उत्पादन प्रभावित हुआ है।
बीजेपी विधायक के सीएम को लिखे पत्र पर उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि जनभावनाओं से सरकार को अवगत कराते हैं। कहा कि सभी का अपनी बात रखने का अपना अंदाज होता है।
कांग्रेस के आंदोलन को लेकर गृह मंत्री ने कहा- जनता को मालूम है कि शिवराज सरकार ने ही प्रदेश को दिग्विजय शासन काल में हुए अंधेरे से बाहर निकाला है।