हाथरस गैंगरेप की घटना का मुद्दा इन दिनों छाया हुआ है। विपक्ष इस मुद्दे पर योगी सरकार पर हमलावर है। गुरुवार को इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। दरअसल पुलिस ने धारा 144 लगाकर पीड़िता के गांव जाने का रास्ता बंद कर दिया। इस दौरान दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की वकील सीमा कुशवाहा भी हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों से मिलने पहुंची लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। जिसके बाद मौके पर मौजूद एडीएम जेपी सिंह और सीमा कुशवाहा के बीच जमकर तू-तड़ाक हुई।
इस घटना का सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है। जिसमे दिखाई दे रहा है कि वकील सीमा कुशवाहा ने एडीएम से पीड़िता की मौत का कारण पूछा तो एडीएम भड़क गए और बोले की तमीज से बात करिए आप पढ़ी लिखी हैं। जिस पर सीमा कुशवाहा गुस्से में चिल्ला पड़ीं, जिस पर एडीएम ने भी चिल्लाते हुए सीमा कुशवाहा को चुप रहने को कहा। बात यहां तक बढ़ी कि एडीएम ने कहा कि “मैडम पीछे हट जाइए, जिस पर सीमा कुशवाहा ने पूछा कि क्या करोगे?”
इसके चलते मौके पर गहमागहमी का माहौल बन गया। सीमा कुशवाहा जहां अधिकारी से ड्यूटी करना सीखने को कह रहीं थी तो एडीएम मर्यादा में बात करने को कह रहे थे। गुस्से में सीमा कुशवाहा ने कहा कि “तुम्हारे जैसे लोगों के कारण रेप होते हैं। इस पर एडीएम ने उल्टा सीमा कुशवाहा पर आरोप लगाते हुए कहा कि तुम्हारे जैसे लोगों की वजह से रेप होते हैं।”
एक तरफ हाथरस जिले का एडीएम है और दूसरी तरफ निर्भया केस की अधिवक्ता सीमा। एडीएम कह रहा है “आपकी वजह से रेप होते हैं”। यूपी के अफसरों की गंदी जुबानबाजी सुनिए…pic.twitter.com/M8oU5Rholz
— Sachin Gupta | सचिन गुप्ता (@sachingupta787) October 1, 2020
बता दें कि सीमा कुशवाहा ने कहा है कि वह हाथरस की बेटी का केस लड़ेंगी साथ ही उन्होंने पीड़िता के परिवार को हरसंभव कानूनी मदद देने की बात कही है। सीमा कुशवाहा इसके लिए कोई पैसा नहीं लेंगी। बता दें कि दिल्ली गैंगरेप पीड़िता का केस भी सीमा कुशवाहा ने लड़ा था और दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाया था।
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बता दें कि गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी हाथरस जाने के लिए निकले थे लेकिन ग्रेटर नोएडा बॉर्डर पर ही पुलिस ने दोनों नेताओं को रोक लिया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं और उनके समर्थकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई, जिसमें राहुल गांधी गिर पड़े थे। बाद में किसी तरह से पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को उनके समर्थकों के साथ हिरासत में लिया था। जिन्हें कुछ घंटे हिरासत में रखने के बाद छोड़ दिया गया।
